गाजा के आतंकी संगठन हमास ने ट्रंप के गाजा प्लान के खिलाफ दुनिया भर में समर्थकों से अपील की: एक गंभीर स्थिति का खुलासा
गाजा में सक्रिय सशस्त्र आतंकी संगठन हमास ने सोमवार (31 मार्च) को एक गंभीर बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने दुनियाभर में अपने समर्थकों से अपील की है कि वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित गाजा प्लान के खिलाफ हथियार उठाएं। इस बयान के बाद, गाजा और मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है।
क्या है गाजा प्लान?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में अपने प्रशासन के तहत “शांति योजना” पेश की थी, जिसे “डील ऑफ द सेंचुरी” (Century Deal) कहा गया। इस योजना का उद्देश्य इजरायल और फिलिस्तीनी मुद्दे का समाधान खोजना था, लेकिन इसे व्यापक आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस योजना के तहत, ट्रंप प्रशासन ने इजरायल को पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों पर संप्रभुता देने का प्रस्ताव किया, जबकि फिलिस्तीनियों के लिए एक सीमित राज्य की अवधारणा प्रस्तुत की गई थी।
इसके अलावा, इस योजना में गाजा और पश्चिमी तट के बीच एक कड़ी की बात की गई थी, जिससे फिलिस्तीनी क्षेत्रों में स्थिति और अधिक जटिल हो सकती थी। फिलिस्तीनी नेतृत्व, जिसमें हमास और फतह दोनों शामिल हैं, ने इस योजना को पूरी तरह से नकार दिया था। उनका कहना था कि यह योजना फिलिस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन करती है और इससे उनकी स्वतंत्रता का कोई रास्ता नहीं खुलता।
हमास का बयान और उसकी घातक अपील
हमास के वरिष्ठ अधिकारी सामी अबू जुहरी ने सोमवार को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने ट्रंप के गाजा प्लान को “भुखमरी और नरसंहार” से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यह योजना गाजा के लोगों को और भी अधिक संकट में डालने वाली है, जिससे उनकी स्थिति और भी विकट हो जाएगी। उनके मुताबिक, ट्रंप का यह प्रस्ताव गाजा के लोगों को उनके मूल अधिकारों से वंचित करने के समान है और इसका उद्देश्य फिलिस्तीनी समुदाय को पूरी तरह से दबाना है।
अबू जुहरी ने अपनी बात जारी रखते हुए दुनियाभर में अपने समर्थकों से अपील की कि वे इस योजना के खिलाफ उठ खड़े हों और संघर्ष करें। उनका कहना था कि फिलिस्तीनियों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा, चाहे इसके लिए जो भी कीमत चुकानी पड़े।
विश्व पर इसका प्रभाव
हमास का यह बयान और हथियार उठाने की अपील गाजा और मध्य पूर्व में पहले से ही संवेदनशील स्थिति को और अधिक जटिल बना सकती है। फिलिस्तीनी इलाकों में पहले ही इजरायल के साथ संघर्ष जारी है, और इस नए आह्वान से यह संघर्ष और बढ़ सकता है। ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की कोशिश कर रहा है, हमास का यह कदम स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस आह्वान के बाद हमास और इजरायल के बीच हिंसा में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, अमेरिका और इजरायल के समर्थकों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है। अमेरिका के प्रशासन द्वारा समर्थित इस गाजा प्लान को फिलिस्तीनियों के अधिकारों पर आघात माना जा रहा है, और इसे लेकर पूरे क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं।
आगे की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हमास का आह्वान और उनके बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, और अरब लीग जैसे संगठन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं, यह देखना बेहद जरूरी होगा। फिलिस्तीनी अधिकारों और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के समाधान के लिए वैश्विक प्रयासों को और तेज करने की आवश्यकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना को लेकर अब तक फिलिस्तीनियों का विरोध स्पष्ट है। वहीं, इजरायल की सरकार ने इसे अपनी सुरक्षा और अस्तित्व के लिए जरूरी बताया है। इस मुद्दे का समाधान अगर जल्द नहीं निकला, तो मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की उम्मीदें और कमजोर हो सकती हैं।
निष्कर्ष
हमास का यह बयान और उनकी अपील न केवल गाजा की स्थिति को और जटिल बना सकती है, बल्कि यह पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है। फिलिस्तीनी संघर्ष को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और संघर्ष समाधान की दिशा अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है। इस संघर्ष को शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीके से हल करने के लिए समर्पण और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता होगी।
