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Sambhal: बदला जाएगा नाम शाही मस्जिद का नाम, ASI ने इस नाम से भेजा नया साइनबोर्ड

Sambhal Masjid: संभल की शाही जामा मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा का विषय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा भेजा गया एक नया साइन बोर्ड है, जिसमें मस्जिद को उसके सामान्य नाम शाही जामा मस्जिद के बजाय “जुमा मस्जिद” लिखा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही ये साइन बोर्ड मस्जिद पर लगाया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने दस्तावेजों में जामा मस्जिद का नाम जुमा मस्जिद बताया है. एएसआई का दावा है कि नया साइनबोर्ड उनके रिकॉर्ड में दर्ज नाम के अनुसार है। यह मस्जिद पहले भी विवादों में रही है, जिसमें एक याचिका में इसके हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया था, पिछले साल हुए सर्वेक्षण के दौरान भी हिंसा हुई थी।

जामा नहीं अब जुमा मस्जिद कहलाएगा विवादित स्थल

एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने  बताया, “मस्जिद के बाहर पहले एएसआई का एक बोर्ड लगाया गया था, लेकिन कथित तौर पर कुछ लोगों ने इसे हटा दिया और इसकी जगह ‘शाही जामा मस्जिद’ का बोर्ड लगा दिया। नया बोर्ड एएसआई के दस्तावेजों में दर्ज नाम ‘जुमा मस्जिद’ के अनुसार जारी किया गया है।” उन्‍होंने कहा कि संभल (Sambhal) मस्जिद परिसर के अंदर पहले से ही इसी नाम का एक नीला एएसआई बोर्ड मौजूद है। एएसआई ने अभी तक नए साइनबोर्ड की स्थापना के समय के बारे में कुछ नहीं कहा है। एएसआई द्वारा लगाए जा रहे इस बोर्ड के पीछे वजह ये है कि अब इस संपत्ति की पहचान हो गई है। नीले रंग के बोर्ड से न केवल औपचारिक पहचान होती है बल्कि आम जनता को भी स्पष्ट संदेश है कि यह इमारत एएसआई के अधीन संरक्षित स्मारक है। अब ऐसे में इस विवादित स्थल की पूरी निगरानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाएगा।

पिछले साल संभल में भड़की थी हिंसा

मुगलकालीन मस्जिद एक बड़े विवाद का केंद्र बन गई है, क्योंकि एक याचिका में दावा किया गया है कि यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर का स्थल है। पिछले साल 24 नवंबर को शाही मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान संभल(Sambhal) में हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में गोलीबारी के कारण चार लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। इलाके में शांति बहाली के लिए पुलिस को कई दिनों तक इंटरनेट बंद और कर्फ्यू लगाना पड़ा था। नए नाम के बोर्ड को लेकर हो सकता है कि विरोध देखने को मिले, हालांकि अब तक इस बारे में किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई है।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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