विज्ञापन के लिए संपर्क करें

सम्भल हिंसा मामले में एसआईटी की पूछताछ: समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क बुरे फँसे !

सम्भल हिंसा मामले में एसआईटी की पूछताछ: समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क बुरे फँसे !

हाल ही में उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले में हुई हिंसा को लेकर एक नई कड़ी जुड़ी है। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हिंसा भड़काने के आरोप में पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है। एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, और सांसद बर्क को थाने में तलब किया गया है। यह घटना साम्प्रदायिक हिंसा से जुड़ी हुई बताई जा रही है, जिसमें कई लोग घायल हुए और संपत्ति का नुकसान हुआ।

क्या हुआ था सम्भल में?

सम्भल जिले में हुई हिंसा का मामला शुरू हुआ था जब एक धार्मिक विवाद के बाद माहौल बिगड़ने लगा। 1 अप्रैल 2025 को, एक धार्मिक आयोजन के दौरान हिंसा हुई थी, जिससे जिले में तनाव फैल गया। इसमें कुछ समूहों के बीच संघर्ष हुआ, और इसके बाद स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस को दंगा नियंत्रण के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और सरकारी संपत्तियों का नुकसान भी हुआ।

इसके बाद, पुलिस ने जांच शुरू की और इस हिंसा में शामिल प्रमुख आरोपियों को पकड़ा। इस बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का नाम सामने आया। उन पर आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से विवादास्पद बयान दिए थे और इसके चलते हिंसा को बढ़ावा मिला था।

एसआईटी की पूछताछ और एफआईआर

एसआईटी ने सांसद बर्क को तलब किया है और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। आरोप है कि जियाउर्रहमान बर्क ने अपने समर्थकों को भड़काया था, जिसके कारण हिंसा का सिलसिला शुरू हुआ। सांसद पर यह आरोप भी है कि उन्होंने धार्मिक मुद्दों को राजनीतिक रूप से भड़काया, जिससे समाज में असहमति और तनाव बढ़ा।

पुलिस ने उनकी भूमिका की जांच करने के लिए थाने में पूछताछ करने का निर्णय लिया है। उन्हें हिंसा के दौरान अपने बयान और कार्यों के बारे में स्पष्ट जवाब देने को कहा गया है। एसआईटी ने यह भी कहा है कि यदि उनकी भूमिका इसमें साबित होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

समाजवादी पार्टी और विपक्षी दलों का कहना है कि इस मामले में जियाउर्रहमान बर्क का नाम बिना ठोस प्रमाण के घसीटा गया है। उनका आरोप है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हो सकती है, क्योंकि बर्क एक प्रभावशाली नेता हैं और उनकी लोकप्रियता के कारण सत्ता पक्ष उन्हें निशाना बना सकता है। वहीं, सत्ताधारी पार्टी के नेता इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर रहे हैं।

क्या हो सकता है आगे?

इस मामले में जियाउर्रहमान बर्क की पूछताछ के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनके खिलाफ लगे आरोप सही हैं या नहीं। यदि जांच में उनकी भूमिका साबित होती है, तो उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें गिरफ्तारी भी शामिल हो सकती है। इसके अलावा, इस पूरे घटनाक्रम का असर राजनीतिक माहौल पर भी पड़ सकता है। सम्भल की हिंसा और इस मामले से जुड़े आरोपों का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि यह मुद्दा काफी संवेदनशील है।सम्भल हिंसा मामले में एसआईटी द्वारा की जा रही जांच और समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर लगाए गए आरोपों ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। राजनीतिक दृष्टिकोण से यह मुद्दा काफी महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि यह न केवल स्थानीय चुनावों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि राज्य की साम्प्रदायिक राजनीति को भी हिला सकता है। अब देखना यह होगा कि एसआईटी की जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।

newsviewss
Author: newsviewss

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *