पंजाब नेशनल बैंक (PNB) लोन फ्रॉड के आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। बेल्जियम पुलिस ने हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी की है। चोकसी को शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह जेल में है। पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया। ये मुंबई की एक अदालत ने जारी किए थे। उसे जल्द भारत लाने की तैयारी है। भारत को पिछले सात साल से मेहुल चोकसी की तलाश है। ऐसा माना जा रहा है कि चोकसी अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए जमानत और तत्काल रिहाई की मांग कर सकता है।
मुंबई कोर्ट से जारी वारंट के आधार पर हुई मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी
65 वर्षीय भगोड़ा मेहुल अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम के एंटवर्प में निवास कार्ड हासिल करने के बाद रह रहा था। भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम के अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र भेजा था, जिसमें चोकसी की गिरफ्तारी की मांग की गई थी, क्योंकि उसे उस देश में देखा गया था। इसके बाद बेल्जियम पुलिस ने 23 मई 2018 और 15 जून 2021 को मुंबई कोर्ट से जारी वारंट के आधार पर चोकसी को गिरफ्तार किया। मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 13,850 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में वांछित हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दोनों की तलाश है। बेल्जियम पुलिस ने 12 अप्रैल को मेहुल चोकसी को दबोचा है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने भगौड़ा नीरव मोदी और मेहुल चौकसी दोनों के खिलाफ गैरजमानती वॉरंट जारी किया है। PNB बैंक लोन फ्रॉड केस को अंजाम देकर दोनों मामा-भांजे 2018 में देश छोड़कर भागे थे। तब से भारत की जांच एजेंसी इनको पकड़ने में लगी थी।
2018 में भारत में फ्रॉड कर भागा था मेहुल चौकसी
मेहुल चोकसी और नीरव मोदी का ये फ्रॉड करीब 7 साल पहले 2018 में सामने आया था। जिसके बाद दोनों आरोपी भारत छोड़कर भाग गए थे। भारत से भागने के बाद मेहुल एंटीगुआ और बारबाडोस में भी रहा है। मेहुल 2021 में एंटीगुआ देश से लापता हो गया था। बाद में उसकी लोकेशन डोमिनिका में मिली। वह काफी समय से बेल्जियम में रह रहा था। मेहुल चोकसी गीतांजलि जेम्स का संस्थापक है। उसका भतीजा नीरव मोदी अभी ब्रिटेन की जेल में बंद है। इन्हें 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। पीएनबी की ब्रैडी हाउस ब्रांच ने मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और उनके परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों के साथ ही बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों पर भी लोन फ्रॉड का मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच कर रही एजेंसियों ने ये आरोप लगाया था कि चोकसी, उसकी फर्म गीतांजलि जेम्स और कुछ अन्य लोगों ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर धोखे से गारंटी पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करवाए और तय किए गए प्रोसेस को फॉलो किए बिना विदेशी ऋण पत्र (Foreign Letters of Credit) हासिल किए।
