नेशनल हेराल्ड केस: ईडी की चार्जशीट और कांग्रेस नेताओं की भूमिका
नेशनल हेराल्ड केस भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद मामला है, जिसमें कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं का नाम शामिल है।
मामला क्या है?
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी। यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित किया जाता था। समय के साथ, AJL आर्थिक संकट का सामना करने लगा और 2008 में इसका प्रकाशन बंद कर दिया गया।
2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नामक एक नई कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी थी। YIL ने AJL के 90.21 करोड़ रुपये के कर्ज को 50 लाख रुपये में खरीद लिया, जिससे AJL की संपत्तियों पर YIL का कब्जा हो गया। इस प्रक्रिया में AJL के हजारों शेयरधारकों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ और कंपनी की संपत्तियों का गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया।
ईडी की कार्रवाई
ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की और 2023 में YIL और AJL की कुल 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया। इसमें AJL की संपत्तियाँ दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित हैं, जिनकी कुल कीमत 661.69 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, YIL के शेयरों की कीमत 90.21 करोड़ रुपये है। ईडी ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, पवन बंसल, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया है।
कानूनी प्रक्रिया
इस मामले की शुरुआत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर करके की थी। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत AJL की संपत्तियों का अवैध तरीके से अधिग्रहण किया। इसके बाद, 2014 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। पार्टी का कहना है कि ईडी की कार्रवाई सत्ताधारी दल द्वारा विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने की साजिश है। कांग्रेस नेताओं ने ईडी के दफ्तरों के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किए हैं।
नेशनल हेराल्ड केस भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और जटिल मामला है, जिसमें कानूनी, राजनीतिक और नैतिक पहलुओं की चर्चा हो रही है। ईडी की चार्जशीट और कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया इस मामले की गंभीरता को दर्शाती है। भविष्य में अदालतों द्वारा इस मामले में दिए गए निर्णय से इस विवाद का पटाक्षेप होगा।
