तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन(MK Stalin) लगातार केंद्र सरकार को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में आज उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। स्टालिन(MK Stalin) ने अमित शाह उस बयान को लेकर आलोचना की कि जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्तारूढ़ द्रमुक एनईईटी और परिसीमन जैसे मुद्दों को भटकाने वाली रणनीति के रूप में उछाल रही है। स्टालिन ने चुनौती दी कि अगर सत्तारूढ़ दल वास्तव में ध्यान भटका रहा है तो राज्य के लोगों को स्पष्ट जवाब दें।
क्या राज्यों के अधिकारों की मांग करना गलत है- स्टालिन
तमिलनाडु के सीएम(MK Stalin) ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि चाहे वह नीट हो या तीन-भाषा नीति, या फिर वक्फ कानून संशोधन और परिसीमन का मसला इन सभी पर सिर्फ हम ही मुखर हैं। क्या राज्यों के अधिकारों की मांग करना गलत है? उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के राज्यों के अधिकारों की बात कर रहा है। अमित शाह ने कहा था कि हम ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कह रहे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि तमिलनाडु सभी भारतीय राज्यों के लिए संघर्ष कर रहा है। क्या राज्यों के अधिकारों की मांग करना गलत है। राज्य ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और राज्य के राज्यपाल के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला हासिल किया। उन्होंने राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह डीएमके की ताकत थी और इसे पूरे देश में महसूस किया गया है।
“हम गुलाम नहीं हैं जो धमकी के आगे झुक जाएंगे”
स्टालिन(MK Stalin) ने कहा कि सिर्फ अमित शाह ही नहीं, बल्कि कोई भी शाह तमिलनाडु पर राज नहीं कर सकता। तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि 2026 में भी यहां द्रविड़ मॉडल की सरकार बनेगी। तमिलनाडु हमेशा दिल्ली के नियंत्रण से बाहर रहता है। उन्होंने कहा कि अमित शाह का कोई भी फॉर्मूला तमिलनाडु में काम नहीं करेगा। साथ ही कहा कि हम आपके द्वारा कानूनी रूप से पैदा की गई सभी बाधाओं को तोड़ देंगे। उन्होंने शाह समेत भाजपा के मंत्रियों पर अतीत में तमिलों के बारे में बुरा बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तमिल भूमि स्वाभिमान और वीरता की धरती है, जिसने कभी वर्चस्व की अनुमति नहीं दी है। सीएम ने कहा, हम गुलाम नहीं हैं जो धमकी के आगे झुक जाएंगे।
इससे पहले एम के स्टालिन(MK Stalin) ने राज्य की स्वायत्तता पर उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने की मंगलवार को घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकारों को धीरे-धीरे छीना जा रहा है। स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में बयान देते हुए कहा कि उच्च स्तरीय समिति की स्थापना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार के उस ‘ऐतिहासिक’ राज्य स्वायत्तता प्रस्ताव के आधी सदी पूरे होने के अवसर पर की गई, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने तमिलनाडु विधानसभा में पेश किया था।
