22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम(Kashmir Terror Attack) में एके-47 राइफलों और बॉडी कैमरा पहने हुए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के चार आतंकवादियों के एक समूह ने पर्यटकों के बीच हिंदुओं को निशाना बनाया और उन पर गोलियों की बौछार कर दी। इस आतंकी हमले में 28 लोगों की जान गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे और भारत के अलग-अलग राज्यों से जम्मू-कश्मीर घूमने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने टूरिस्टों को मारने से पहले कलमा पढ़वाया गया, जो पढ़ नहीं पाया उसे सीधे गोली मार दी गई। मगर, एक खुलासे ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।
कई लोगों को गोली मारने से पहले खतना चेक किया
दरअसल, आतंकियों ने टूरिस्टों को मारने से पहले मुस्लिम होने की सबूत ली। कलमा पढ़वाया.. फिर इससे उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने उनकी पैंट उतरवा दी और उनका खतना चेक किया, फिर गोली मार दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम ने जांच में पाया कि 26 पीड़ितों में से 20 के निचले शरीर से कपड़े जबरन उतार दिए गए थे, उनकी पैंट की ज़िप खोल दी गई थी, पैंट नीचे खींची गई थी, जिससे उनके अंडरवियर या निजी अंग दिखाई दे रहे थे। इससे साफ पता चलता है कि आतंकवादियों(Kashmir Terror Attack) ने कई लोगों को गोली मारने से पहले उनके धर्म को चेक किया। दरअसल, मुस्लिम धर्म में खतना होता है, इससे मुसलमान होने का पहचान आसानी से किया जा सकता है। पीड़ितों के परिजन शायद इतने सदमे में थे कि उन्होंने शवों पर कपड़ों की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि कर्मचारियों ने भी शवों को वैसे ही उठाया, जैसे वे थे, बस उन्हें कफन से ढक दिया।
सेना चला रही सर्च ऑपरेशन
पहलगाम हमले के 3 दिन बाद सेना ने बड़ा एक्शन लिया। जम्मू-कश्मीर के त्राल और अनंतनाग के बिजबेहरा में 2 लश्कर आतंकियों के यहां सर्च ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन के दौरान दोनों के घरों में रखा एक्सप्लोसिव ब्लास्ट हो गया। धमाके में आसिफ शेख और आदिल ठोकेर के घर पूरी तरह तबाह हो गए। दक्षिण कश्मीर के त्राल में आतंकी आसिफ शेख का घर था। आसिफ कश्मीर का लोकल लड़का है, जो लश्कर के लिए काम करता है। अनंतनाग के बिजबेहरा में आतंकी आदिल का घर भी धमाके में ढह गया। इधर, बांदीपोरा में सर्च ऑपरेशन के दौरान शुरू हुए एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है। 2 जवान भी घायल हैं।
