जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच शनिवार शाम नाटकीय अंदाज में युद्ध विराम की घोषणा हुई। अचानक भारत और पाक के बीच सीमाओं को लांघ चुकी चार दिन की गर्मागर्मी पर शांति की शीतलहर चढ़ गई। दोनों देश शनिवार शाम पांच बजे से एक दूसरे पर वार-पलटवार न करने पर राजी हो गए। विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दोनों देश आपस में बातचीत के बाद इस पर सहमत हुए। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने शाम तीन बजकर 35 मिनट पर भारतीय डीजीएमओ से फोन पर बात की और फिर संघर्ष विराम पर बात बनी। आइए जानते हैं इस संघर्ष विराम की Inside Story.
पाकिस्तान के परमाणु कमांड को निशाने बनाने वाला था भारत
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाकर ब्रह्मोस-ए (हवा से दागी जाने वाली) क्रूज मिसाइलें दागीं। पहले कंफर्म अटैक रावलपिंडी के पास चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में हुए। ये दोनों ही आर्मी बेस पाकिस्तान सेना के लिए रणनीतिक विमानन और गोलाबारूद रखते हैं। हमलों के तुरंत बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी डिफेंस नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज फ्लैश होते हुए पाया कि भारत अगला निशाना पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण ढांचे को बना सकता है। रावलपिंडी में रणनीतिक प्रतिष्ठानों, जिनमें पाकिस्तान के रणनीतिक योजना प्रभाग से जुड़े कार्यालय भी शामिल हैं। ऐसे में उन्होंने कथित तौर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए।
पाकिस्तान ने बीच-बचाव करने के लिए अमेरिका से संपर्क साधा
इसी समय पाकिस्तान ने तुरंत बीच-बचाव करने के लिए अमेरिका से संपर्क किया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी तनाव बढ़ने की आशंका में पहले से ही दोनों पक्षों के संपर्क में थे। लेकिन रणनीतिक ठिकानों के बारे में अलर्ट के कारण वाशिंगटन को और अधिक निर्णायक कदम उठाना पड़ा। ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका ने न्यूट्रल (तटस्थ) रुख बनाए रखते हुए इस्लामाबाद को एक कड़ा संदेश दिया है। इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधे फोन किया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत प्रोटोकॉल के बाहर पाकिस्तान के साथ किसी भी औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य वार्ता में शामिल न होने के अपने रुख पर कायम है।
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनियाभर में ये संदेश दिया कि भारत अपनी धरती पर किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत ने पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इस ऑपरेशन के जरिए भारत यह स्पष्ट संदेश देने में कामयाब रहा कि आतंक को वह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और उसका मुंहतोड़ जवाब देगा। भारत ने पाकिस्तान पर पहली और आखिरी मिसाइल दागी और पाकिस्तान को सीजफायर के लिए घुटनों पर लाया।
