बिलकुल, नीचे दिया गया ब्लॉग 100% मौलिक रूप से तैयार किया गया है और किसी अन्य स्रोत से कॉपी नहीं किया गया है। यह छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हुई बड़ी मुठभेड़ पर आधारित है, जिसमें सुरक्षा बलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया। यह ब्लॉग हिंदी में पेश किया गया है और पूरी तरह से आपकी आवश्यकता के अनुसार लिखा गया है।
🔥 नारायणपुर की धरती पर निर्णायक मुठभेड़: 27 नक्सली ढेर, एक करोड़ का इनामी बसव राजू मारा गया
✍️ लेखक: [राहुल चंद्रे ]
📅 तारीख: 21 मई 2025
🔰 परिचय
छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ इलाका वर्षों से नक्सली हिंसा का केंद्र रहा है। घने जंगल, दुर्गम पहाड़ और सीमित संचार व्यवस्था के चलते यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ बना रहा। लेकिन 21 मई 2025 को नारायणपुर जिले में हुई ऐतिहासिक मुठभेड़ ने इस कहानी को बदल दिया। सुरक्षा बलों की एक सटीक और योजनाबद्ध कार्रवाई में 27 नक्सली ढेर कर दिए गए, जिनमें वांछित नक्सली कमांडर और एक करोड़ का इनामी नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू भी शामिल था।
🛡️ ऑपरेशन की रूपरेखा
यह कार्रवाई राज्य की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थी। नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव जिलों से विशेष टीमें बनाकर अबूझमाड़ क्षेत्र में घेराबंदी की गई।
इस ऑपरेशन को पूर्व खुफिया सूचना, स्थानीय नेटवर्क और आधुनिक तकनीकी उपकरणों के सहारे अंजाम दिया गया। मुठभेड़ सुबह शुरू हुई और कई घंटे चली। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाले रखा।
⚔️ मुठभेड़ का परिणाम
- ✅ 27 नक्सली मारे गए — इनमें कई सक्रिय कैडर और क्षेत्रीय कमांडर भी शामिल थे।
- ✅ बसव राजू का अंत — माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी का सदस्य, रणनीतिकार और दक्षिण भारत का मास्टरमाइंड।
- ✅ एक जवान शहीद — देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवान को सलाम।
- ✅ हथियार बरामद — एके-47, इंसास राइफलें, वायरलेस सेट, नक्सली साहित्य, विस्फोटक उपकरण।
🧠 कौन था बसव राजू?
नम्बाला केशव राव उर्फ बसव राजू, आंध्र प्रदेश का रहने वाला था और माओवादी संगठन की सबसे बड़ी रणनीतिक इकाइयों में गिना जाता था।
- 40 से ज्यादा मुठभेड़ों में सक्रिय भूमिका।
- छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में हिंसक हमलों की मास्टरमाइंडिंग।
- एक करोड़ रुपए का इनामी।
- पिछले कई वर्षों से अबूझमाड़ के जंगलों में छिपा हुआ था।
- सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बना हुआ था।
बसव राजू की मौत से नक्सल नेटवर्क को वैचारिक, रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर गहरा झटका लगा है।
🗣️ प्रशासन और जनता की प्रतिक्रिया
- मुख्यमंत्री की सराहना: “हमारे वीर जवानों ने असाधारण साहस दिखाया है। यह कार्रवाई नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में मील का पत्थर है।”
- स्थानीय लोगों में राहत: वर्षों से नक्सली भय के साए में जी रहे ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है। कई इलाकों में लोगों ने सुरक्षा बलों का स्वागत किया।
🌱 अब आगे क्या?
अबूझमाड़ में यह सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन के बाद भी सर्च अभियान जारी रखा है ताकि बचे-खुचे नक्सल कैडरों को पकड़ा जा सके।
राज्य सरकार ने यह संकेत दिया है कि नक्सलियों के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति जारी रहेगी। साथ ही, विकास योजनाओं को तेज़ी से लागू किया जाएगा ताकि नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति कायम की जा सके।
नारायणपुर की यह मुठभेड़ सिर्फ एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ निर्णायक जीत है, जो हिंसा और डर के बल पर समाज को बंधक बनाना चाहती है। बसव राजू जैसे खूंखार आतंकवादी का अंत बताता है कि देश के जवानों का हौसला हर अंधेरे को चीर सकता है।
जय हिंद | वंदे मातरम् 🇮🇳
