विज्ञापन के लिए संपर्क करें

रूस पर हुआ ‘पर्ल-हार्बर’ जैसा हमला: यूक्रेन ने अपनाई ‘ट्रोजन-हॉर्स’ रणनीति

Russia-Ukraine War

यूक्रेन ने अपनाई ‘ट्रोजन-हॉर्स’ रणनीति: रूस पर हुआ ‘पर्ल-हार्बर’ जैसा हमला — भारत को क्यों लेना चाहिए सबक?

भूमिका

युद्ध की दुनिया में इतिहास खुद को दोहराता रहता है — लेकिन कभी-कभी ये दोहराव इतना चौंकाने वाला होता है कि दुनिया ठहर सी जाती है। ऐसा ही कुछ हाल ही में तब हुआ, जब यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक असाधारण और चतुर रणनीति का इस्तेमाल किया, जिसे सैन्य भाषा में ‘ट्रोजन हॉर्स’ (Trojan Horse) कहा जाता है। इस रणनीति ने सबको चौंका दिया और रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस हमले की तुलना अब अमेरिका के ऐतिहासिक पर्ल हार्बर अटैक से की जा रही है। लेकिन सवाल ये है कि इसका भारत से क्या लेना-देना है? चलिए, विस्तार से समझते हैं।


क्या है ‘ट्रोजन हॉर्स’ रणनीति?

‘ट्रोजन हॉर्स’ की कहानी ग्रीक मिथक से ली गई है — जहां ग्रीक सैनिकों ने एक विशाल लकड़ी का घोड़ा त्रोई के शहर को भेंट में दिया। पर असल में वह घोड़ा सैनिकों से भरा था। रात होते ही वे सैनिक बाहर निकले और शहर पर कब्जा कर लिया। इसी रणनीति को आधुनिक सैन्य अभियानों में भी अपनाया जाता है — किसी छिपी हुई चाल के ज़रिए दुश्मन के क्षेत्र में घुसपैठ कर हमला करना।


यूक्रेन ने कैसे अपनाई यह रणनीति?

हाल ही में यूक्रेन ने क्रीमिया के एक महत्वपूर्ण रूसी एयरबेस पर एक विस्फोटक-युक्त ड्रोन और विशेष बलों की मदद से एक योजनाबद्ध हमला किया। बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन में यूक्रेनी सैनिक रूसी वेशभूषा में एयरबेस के भीतर पहुंचे और वहां मौजूद सिस्टम को जाम कर दिया। इसके बाद हुए धमाकों में रूस के कई लड़ाकू विमान और इन्फ्रास्ट्रक्चर नष्ट हो गए।

इस हमले की समय-सीमा, गोपनीयता और असर — तीनों ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। कई सैन्य विश्लेषकों ने इसे “21वीं सदी का पर्ल हार्बर” कहना शुरू कर दिया है।


रूस को क्यों पड़ा भारी?

  1. आशंका की कमी: रूस को अंदाज़ा भी नहीं था कि यूक्रेन इतनी गहराई तक घुसपैठ कर सकता है।
  2. इंटेलिजेंस फेलियर: रूस की खुफिया एजेंसियां इस ऑपरेशन को समय रहते भांप नहीं पाईं।
  3. हाई वैल्यू टारगेट पर अटैक: एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण ठिकाने पर हमला रूस के सैन्य मनोबल को झटका देने वाला है।

भारत के लिए इसमें क्या सबक है?

भारत एक भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जहां चीन और पाकिस्तान जैसे देश लगातार अपनी रणनीतियों में बदलाव ला रहे हैं। यूक्रेन की इस रणनीति से भारत को कई अहम बातें सीखने की ज़रूरत है:

1. असिमेट्रिक वारफेयर का बढ़ता खतरा

आज की लड़ाइयाँ केवल बंदूक और बम से नहीं, बल्कि चालाकी, टेक्नोलॉजी और साइबर युद्ध से लड़ी जाती हैं। भारत को भी अपनी पारंपरिक सैन्य सोच के साथ-साथ असामान्य युद्धों के लिए तैयार रहना होगा।

2. इंटेलिजेंस नेटवर्क की मजबूती

इस हमले से यह स्पष्ट होता है कि खुफिया जानकारी की असफलता कितनी विनाशकारी हो सकती है। भारत को अपने इंटेलिजेंस तंत्र को और मजबूत करना चाहिए — खासकर LoC और LAC जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।

3. साइबर और ड्रोन सुरक्षा

ड्रोन और साइबर हथियार अब युद्ध के नए चेहरे हैं। भारत को इस क्षेत्र में तेज़ी से निवेश और शोध करने की आवश्यकता है ताकि संभावित ‘ट्रोजन हॉर्स’ रणनीति से खुद को बचाया जा सके।

यूक्रेन और रूस के बीच यह संघर्ष हमें सिर्फ दो देशों के युद्ध की कहानी नहीं बताता — यह भविष्य के युद्धों का ट्रेलर है। ‘ट्रोजन हॉर्स’ जैसी रणनीति यह साबित करती है कि दिमाग, संसाधनों से बड़ा हथियार हो सकता है। भारत जैसे देश के लिए यह समय है, केवल हथियार नहीं, रणनीति पर भी ध्यान देने का।

युद्ध आज भी जितना मैदान में लड़ा जाता है, उतना ही दिमाग और टेक्नोलॉजी के माध्यम से लड़ा जाता है।

newsviewss
Author: newsviewss

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *