दिल्ली अग्निकांड: द्वारका के फ्लैट में लगी भीषण आग, पिता ने दो बच्चों संग लगाई छलांग – तीनों की दर्दनाक मौत
नई दिल्ली, 10 जून 2025 — राजधानी दिल्ली एक बार फिर एक हृदयविदारक हादसे का गवाह बनी है। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका इलाके में स्थित एक आवासीय सोसायटी के फ्लैट में रविवार देर रात भीषण आग लग गई। इस भयावह हादसे में एक पिता ने अपने दो मासूम बच्चों को बचाने की कोशिश में उनके साथ तीसरी मंज़िल से छलांग लगा दी। दुर्भाग्यवश, तीनों की जान नहीं बच सकी।
कैसे हुआ हादसा?
दिल्ली में एक अपार्टमेंट में भीषण आग लग गई. द्वारका सेक्टर-13 स्थित मल्टीस्टोरी बिल्डिंग ‘सबद अपार्टमेंट’ में आज (10 जून) सुबह एक फ्लैट में आग लगने की सूचना से हड़कंप मच गया.
उस समय फ्लैट में 38 वर्षीय अमित शर्मा, उनके 7 वर्षीय बेटे आरव और 4 वर्षीय बेटी अन्वी मौजूद थे। जब आग ने चारों तरफ से घेर लिया, तो उन्होंने जान बचाने के लिए तीसरी मंज़िल की बालकनी से छलांग लगाने का फैसला किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने बच्चों को छाती से लगाकर छलांग लगाई थी।
मौके पर पहुंची दमकल, लेकिन देर हो चुकी थी
दमकल विभाग को आग की सूचना करीब मिली, जिसके बाद 6 दमकल गाड़ियाँ मौके पर रवाना की गईं। हालांकि जब तक टीम पहुंची, तब तक परिवार ने छलांग लगा दी थी। तीनों को गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आग लगने की वजह?
प्राथमिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। हालांकि, पुलिस और फायर डिपार्टमेंट द्वारा मामले की जांच अभी जारी है। आसपास के लोग और सुरक्षा कर्मियों ने अन्य फ्लैट्स से कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, जिससे बड़ी जनहानि टल गई।
पूरा इलाका शोक में डूबा
घटना के बाद से इलाके में मातम पसरा हुआ है। अमित शर्मा को एक जिम्मेदार और शांत स्वभाव का व्यक्ति बताया जा रहा है। पड़ोसी बताते हैं कि वह अपने बच्चों से बेहद प्रेम करते थे और अक्सर शाम को उन्हें पार्क में घुमाने ले जाते थे।
सवाल जो खड़े होते हैं
दिल्ली जैसे महानगर में जहाँ ऊँची-ऊँची इमारतें हर गली में हैं, वहाँ अग्नि सुरक्षा कितनी प्रभावी है? क्या बिल्डिंगों में फायर अलार्म और सुरक्षित निकासी व्यवस्था पर्याप्त हैं? यह हादसा एक बार फिर सोचने पर मजबूर करता है कि हम कितने तैयार हैं ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए।
एक पिता ने आखिरी सांस तक अपने बच्चों को बचाने की कोशिश की, लेकिन नियति कुछ और ही लिख चुकी थी। यह हादसा केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि एक चेतावनी भी है – हमारे शहरों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर, हमारी तैयारियों को लेकर।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति मिले।
द्वारका के फ्लैट में लगी भीषण आग, पिता ने दो बच्चों संग लगाई छलांग – तीनों की दर्दनाक मौत
