विज्ञापन के लिए संपर्क करें

इज़राइल-ईरान युद्ध के बीच पाकिस्तान की एंट्री शाहीन-III मिसाइल सपोर्ट ईरान को दे रहा है ?

Israel Iran War

इज़राइल-ईरान युद्ध के बीच शाहीन-III मिसाइल की चर्चा: क्या पाकिस्तान वाकई ईरान को दे रहा है मिसाइल सपोर्ट?

पश्चिम एशिया एक बार फिर अशांत है। इज़राइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। इसी बीच एक बेहद सनसनीखेज दावा सामने आया है—क्या पाकिस्तान, जो खुद एक परमाणु शक्ति है, गुपचुप तरीके से ईरान को अपनी सबसे घातक बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-III दे रहा है? कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों का यही कहना है, लेकिन सच्चाई क्या है? आइए जानते हैं पूरी कहानी।


🚀 शाहीन-III क्या है?

शाहीन-III पाकिस्तान की सबसे उन्नत और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक है। यह मिसाइल:

  • रेंज: लगभग 2,750 किलोमीटर
  • वारहेड क्षमता: पारंपरिक और परमाणु दोनों
  • इंधन प्रणाली: ठोस ईंधन आधारित
  • लॉन्च माध्यम: मोबाइल लॉन्चर से दागी जा सकती है, जिससे ट्रैक करना मुश्किल होता है

शाहीन-III को खासतौर पर भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक पहुंचने के लिए डिज़ाइन किया गया था। अब यह अफवाहें उड़ रही हैं कि यह मिसाइल ईरान के हाथों में जा रही है।


🕵️‍♂️ सूत्रों का दावा

कुछ अज्ञात लेकिन “कूटनीतिक सूत्रों” के हवाले से कहा गया कि:

  • पाकिस्तान और ईरान के बीच मिसाइल ट्रांसफर को लेकर बातचीत चल रही है।
  • ईरान को इज़राइल के संभावित हमले से बचाव के लिए लंबी दूरी की मारक क्षमता की आवश्यकता है।
  • शाहीन-III जैसी मिसाइल से ईरान सीधे इज़राइल के सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है।

हालांकि यह जानकारी अभी तक किसी विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय संस्था या सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है।


📣 पाकिस्तान का जवाब

पाकिस्तान सरकार ने इन खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज़ ज़हरा बलोच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

“पाकिस्तान की ईरान को मिसाइल सप्लाई करने की खबरें पूरी तरह निराधार और भ्रामक हैं। हमारा मिसाइल कार्यक्रम पूरी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत सीमित है।”

उनका यह बयान साफ करता है कि पाकिस्तान इस तरह के किसी भी कदम को स्वीकार नहीं करता।


🌍 क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ी?

जी हां। अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इससे दो बातें साफ होती हैं:

  1. अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस विषय को गंभीरता से ले रहा है।
  2. पाकिस्तान के मिसाइल निर्यात पर निगरानी बढ़ गई है।

ईरान और इज़राइल के बीच यदि युद्ध और गहरा होता है, तो क्षेत्रीय देश जैसे पाकिस्तान या तुर्की पर दबाव और बढ़ेगा।

⚠️ अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें राष्ट्रीय विकास परिसर (NDC) और अन्य संबंधित कंपनियाँ शामिल हैं। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य हथियारों के प्रसार को रोकना है, जबकि पाकिस्तान ने इन्हें “भेदभावपूर्ण” और “क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा” बताया है


❓ क्या यह सच हो सकता है?

इस सवाल का जवाब अभी भी स्पष्ट नहीं है। अगर हम इसे इंसानी नजरिए से देखें:

  • तकनीकी तौर पर पाकिस्तान के पास यह क्षमता है कि वह शाहीन-III जैसे हथियार ईरान को ट्रांसफर कर सके।
  • राजनीतिक रूप से, ऐसा करना पाकिस्तान के लिए एक बहुत ही बड़ा जोखिम होगा — अमेरिका, इज़राइल और खाड़ी देशों के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
  • राजनयिक रूप से, पाकिस्तान अभी फिलहाल किसी सीधी टकराव की नीति से बचता दिख रहा है।

इस समय पाकिस्तान द्वारा ईरान को शाहीन-III मिसाइलें भेजने की खबरों को पुष्टि नहीं मिली है। हालांकि, यह जरूर कहा जा सकता है कि इस तरह की खबरें बताती हैं कि इज़राइल-ईरान युद्ध कितना व्यापक और खतरनाक रूप ले सकता है। पाकिस्तान का इनकार एक स्पष्ट संकेत है कि वह फिलहाल खुला पक्ष नहीं लेना चाहता।

भविष्य में हालात बदले तो यह कहानी एक नया मोड़ ले सकती है।


📌 आपके विचार?

क्या आप मानते हैं कि पाकिस्तान गुपचुप तरीके से ईरान को मिसाइल सहायता दे सकता है? क्या इससे पश्चिम एशिया में युद्ध का दायरा और बढ़ सकता है?

कमेंट करें और बताएं आपका नजरिया।

 

newsviewss
Author: newsviewss

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *