परमाणु हथियार वाली जिस रिपोर्ट ने करवाया ईरान-इजरायल युद्ध, उसी से पलटा IAEA, खामेनेई ने कहा- ‘अब बहुत देर हो गई
🌍 कैसे फैली यह जंग?
1. रिपोर्ट जिसने तनाव बढ़ाया
- जून 2025 की शुरुआत में IAEA की एक रिपोर्ट ने संकेत दिया कि इराक़ के पास लगभग 120 किग्रा [60 %] युरेनियम है, हथियार बनने की सीमा से नज़दीक ।
- इजरायल इसे सीधा खतरा मानते हुए “Operation Rising Lion” लॉन्च कर दिया। इसमें नैटान्ज़, फ़र्डो, इस्फ़हान, अरक, बुसेहर आदि प्रमुख परमाणु स्थलों पर एयर स्ट्राइक की गईं ।
2. पहली इजरायली एयर स्ट्राइक
- जून 13, 2025 को इजरायल ने लगभग 100 लक्ष्यों पर हमला किया, जिसमें IRGC के शीर्ष जनरल और कम से कम 6 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए
- नैटान्ज़ में पावर सिस्टम ध्वस्त, इस्फ़हान और अरब में पुनरावर्तित युरेनियम केंद्र नष्ट, न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह प्रभावित ।
3. इराक़ की जवाबी कार्रवाई
- इराक़ ने मिसाइल और ड्रोन हमले करके बेएर्शेबा के सोरका अस्पताल पर हमला किया, जिसमें दर्जनों घायल और नागरिकों की मौत हुई है
- इजरायल ने इसे “न्यायसंगत बचाव कार्रवाई” बता कर परमाणु-लक्षित हमले को जारी रखा ।
4. IAEA का रुख़ पलटा
- पहले IAEA प्रमुख राफ़ेल ग्रोसी ने माना कि “कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि इराक़ परमाणु हथियार बना रहा था”
- लेकिन बाद में उन्हीं रिपोर्टों को हथियारों की दिशा में कदमों के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे इजरायल को हमला करने का बहाना मिला।
🧭 खामेनेई की प्रतिक्रिया: ‘बहुत देर हो चुकी’
- इराक़ ने IAEA पर हमला का “पूर्वफाड़ गिल्ट” आरोप लगाया।
“This is too late, Mr Grossi… You betrayed the non‑proliferation regime”
- आयातता हुआ खामेनेई की ओर से कहा गया कि अनुभवी परमाणु शोधकर्ताओं के जननाश के बाद “अब बहुत देर हो चुकी है” (संक्षिप्त कहा गया)।
- साथ हींतु उनकर फ़तवा है कि परमाणु हथियार ‘हराम’ हैं, लेकिन “कोने में खड़े बिल्ली की तरह माहौल हो” तो फ़तवा बदलने की गुंजाइश हो सकती है ।
🕒 अब तक क्या हुआ? (20 जून 2025 तक)
तिथि | घटना | विवरण |
---|---|---|
जून 12, 2025 | IAEA रिपोर्ट | “60 % युरेनियम” की जानकारी पब्लिश; विवादित परिणति |
जून 13, 2025 | इज़रायली स्ट्राइक | परमाणु सुविधाओं + वैज्ञानिकों पर मिसाइल |
जून 14–16, 2025 | इराक़ी जवाबी मिसाइल | अस्पतालों और शहरों को निशाना बनाया |
जून 17–19, 2025 | वैश्विक प्रतिक्रिया | यूएस, यूके, रूस, चीन ने कूटनीतिक पहल की |
जून 18, 2025 | ग्रोसी बयान | “कोई साक्ष्य नहीं है नाभिकीय हथियार के प्रयास का” |
जून 19, 2025 | खामेनेई का संदेश | “बहुत देर हो गई”, फ़तवा में संभावित बदलाव |
🎙️ मानवीय दृष्टिकोण में स्थिति
इस जंग की शुरुआत एक वैज्ञानिक रिपोर्ट से हुई, लेकिन अब यह मानवीय त्रासदी की दिशा में परिवर्तित हो चुकी है:
- नागरिक पीड़ित: अस्पतालों, घरों और बुनियादी ढांचे पर हमले; ग़ैर-लड़ाकू क्षेत्रों की अवैध क्षति।
- डिप्लोमैटिक संकट: IAEA जैसी संस्थाओं की विश्वसनीयता डगमगा रही है, जिससे वैश्विक परमाणु नियंत्रण व्यवस्था संकट में है।
- धार्मिक व रणनीतिक बदलाव: खामेनेई का फ़तवा हथियार पर प्रतिबंध का एका प्रमाण था, लेकिन अब विवादित परिस्थितियों ने उसे फिर से खुला सवाल बना दिया है।
ज्ञानवर्धन: आगे क्या संभावनाएं?
- संवाद हो सकता है, लेकिन अभी तक कूटनीति कमजोर नज़र आ रही है।
- इराक़ परमाणु नीतियों में बदलाव करेगा क्या? फ़तवा का रुख़ स्थिर रहेगा या बदलेगा—यह देखने की बात है।
- विश्वसामरिक खतरे: अगर परमाणु स्थलों पर और हमले होते हैं, तो रेडिएशन रिस्क और व्यापक अंतरराष्ट्रीय संघर्ष की संभावना है।
✍️ समापन विचार
आज की जंग सिर्फ मिसाइल और बमों तक सीमित नहीं—यह विश्वास की जंग भी है। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट ने इतिहास बदल दिया, परमाणु नियंत्रण व्यवस्था डगमगा दी, और लोगों की जान पर बन आई। अब इस संघर्ष का मानव पक्ष सबसे महत्वपूर्ण है—शांति, डिप्लोमेसी और सहिष्णुता को रास्ता देना ही संभव है।
Iran hits back at Israel (analysis) | Netanyahu, nuclear weapons, USA, rising lion, Khamenei, Trump
