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BREAKING NEWS : चीन ने भेजे इरान को हथियार? ईरान पहुंचे ड्रैगन के 3 मिस्ट्री कार्गो प्लेन

Chinese Mystery Cargo Planes

✈️ चीन से ईरान: चीन ने भेजे इरान को हथियार? ईरान पहुंचे ड्रैगन के 3 मिस्ट्री कार्गो प्लेन

17–19 जून 2025 के बीच, तीन Boeing 747 भारी-भरकम कैरगो एयरक्राफ्ट्स चीन से टेक‑ऑफ होकर आसियान की एक समान कॉरिडोर से उड़े और फिर अचानक इरानी सीमा के पास रडार से गायब हो गए । ये विमान लेक्समबर्ग की उड़ान दिखाते थे, लेकिन यूरोप पहुंचे बिना ही ट्रैक खो‌ गए

विशेषज्ञों के अनुसार, Boeing 747 जैसे विमान आम तौर पर बढ़िया हथियार और भारी सैन्य उपकरण ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं—जिससे यह कयास लग रहे हैं कि चीन गुप्त रूप से ईरान को हथियार सप्लाई कर सकता है


🌐 कूटनीतिक कुंडली में नया तनाव

  • चीन–ईरान साझेदारी ऊर्जा और रणनीतिक हितों पर आधारित है; ईरान चीन को लगभग 2 मिलियन बैरल प्रति दिन तेल प्रदान करता है

  • इस दौरान US और Israel ने इस कदम को खतरनाक सैन्य सहयोग के रूप में देखा, जिससे प्रश्न उभरे कि क्या चीन ने ईरान की मदद की है


🔥 US‑इज़राइल संबंधों में बढ़ा दबाव

  • इस बीच US और गेर्मनी से इज़राइल की ओर 14 सैन्य कार्गो विमान भेजे गए हैं, जिसमें Iron Dome जैसी रक्षा सामग्री शामिल हैं—US‑इज़राइल सहयोग और भी मजबूत हुआ है

  • इंडिया में तनाव बढ़ गया, क्योंकि ग्लोबल रेडर पर चीन-इरान विमान उभरने के बाद US और यूरोप ने आपात कूटनीतिक प्रयत्न शुरू कर दिए, जेनिवा में वार्ताएँ चल रही हैं


🧭 अब तक का संपूर्ण घटनाक्रम (20 जून 2025)

तिथि प्रमुख घटनाक्रम
13 जून इज़रायल ने “Operation Rising Lion” के तहत ईरान के परमाणु स्थलों पर एयर स्ट्राइक किया
14–15 जून ईरान ने बैराज मिसाइलों से इज़राइल में हमला किया; Hospital/सिविल ज़ोन क्षतिग्रस्त हुए ।
17–19 जून तीन रहस्यमयी चीनी कार्गो प्लेन उड़े, इरान सीमा पर गायब हुए ।
19 जून इज़राइल ने US‑जर्मन सहायता से डिफेंस किट भेजीं; यूरोपीय देशों ने इराकी सैन्य समर्थन पर बातचीत शुरू की ।
20 जून डिप्लोमैटिक दौर तेज; Macron, UK‑France‑Germany के मंत्री हुई बैठक; US‑Israel‑China सौदे सक्रिय हुए ।

क्यों चीन की तरफ़ से मदद का शक?

  • रणनीतिक साझेदारी: चीन और ईरान 2021 के 25-वर्षीय साझेदारी समझौते के तहत लंबे समय से सहयोगी हैं, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा और सैन्य क्षेत्रों में मजबूती शामिल है en.wikipedia.org

  • तेल का निर्भर रिश्ता: ईरान चीन को रोज़ लगभग 2 मिलियन बैरल कच्चा तेल देता है, जिससे चीन को इस साझेदारी को टटोलना महत्वपूर्ण है


अंतर्राष्ट्रीय चिंताएं और प्रतिक्रियाएं

  • अमेरिका और इज़राइल: इन उड़ानों को चीन के “मिलिट्री सपोर्ट” संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे US-इज़राइल तनाव और बढ़ा है

  • चीन का रुख: अभी तक चीन ने स्पष्ट रूप से कुछ स्वीकार नहीं किया — ना तो इन उड़ानों को हथियार मानता है, और ना उनका उद्देश्य बताता है

🧠 मानवीय दृष्टिकोण: हम क्या देख रहे हैं?

  • भय और अनिश्चितता: नागरिक अस्पतालों, बाज़ारों, फैक्ट्रियों पर हमले—सामान्य जीवन प्रभावित

  • वैश्विक संतुलन का फेर: चीन की संभावित साझेदारी से सियासी ताकतें बदल सकती हैं—US, ईजराइल और यूरोप चिंतित

  • डिप्लोमैसी का महत्व: जेनिवा वार्ता से संकेत मिल रहे हैं कि हिंसा से पहले शांति की राह ढूँढी जा सकती है


🔮 आगे की संभावनाएं

  1. चीन की भूमिका स्पष्ट होगी?
    क्या यह चुपचाप समर्थन था, या वास्तव में कुछ गैर-सैन्य सामान था—विनजांच अहम होगी।

  2. US‑इज़राइल सैन्य तंत्र मजबूत होगा, लेकिन इससे क्षेत्र में शीतयुद्ध जैसी स्थिति बन सकती है।

  3. मानवता की पुकार जरूरी है: मौजूदा समय में विमानों की आवाजाही से कहीं अधिक ज़रूरी है—इन हमलों में घायल, बेघर और ट्रॉमा झेलने वाले लोगों के लिए मानवीय सहायता।

तीन रहस्यमयी Boeing 747 फ्लाइट्स ने सिर्फ हवाई रास्ते नहीं बदले—उन्होंने क्षेत्रीय शक्तियों के बीच जटिल एक्शन-रिएक्शन की श्रृंखला चलाई है। अगर चीन ने वाकई ईरान को हथियार भेजे, तो यह युद्ध को और भी भयंकर बना सकता है। लेकिन शांति की राह अभी भी खुली है—जेनिवा वार्ता, वैश्विक दबाव और मानवीय समझ‌दारी से युद्ध स्थगित हो सकता है।

Iran hits back at Israel (analysis) | Netanyahu, nuclear weapons, USA, rising lion, Khamenei, Trump

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Author: newsviewss

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