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“सेवा से साधना तक: जगन्नाथ पुरी रथयात्रा में गौतम अडानी की नई पहल”

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“सेवा से साधना तक: जगन्नाथ पुरी रथयात्रा में गौतम अडानी की नई पहल”

हर साल जब जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा आती है, तो सिर्फ उड़ीसा ही नहीं, पूरा भारत भक्ति और उल्लास से झूम उठता है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा एक ऐसी परंपरा है, जो श्रद्धा, समर्पण और सेवा का अद्भुत संगम है। लेकिन इस बार रथयात्रा में कुछ और भी खास था — देश के प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह की सेवा भावना, जो “सेवा से साधना” के मंत्र को आत्मसात करते हुए हर स्तर पर दिखाई दी।


🌟 सेवा, केवल शब्द नहीं — एक जीवंत अनुभव

पुरी की गलियों में हजारों श्रद्धालु, बारिश, उमस और भीड़ में डटे हुए थे, लेकिन इस बार कुछ नया देखने को मिला। साफ-सुथरे रास्ते, व्यवस्थित जल वितरण केंद्र, वॉलंटियर्स की पहचान के लिए टी-शर्ट्स, सुरक्षा बलों को वितरित किए गए रेनकोट्स और छतरियां — ये सब उस सेवा का हिस्सा थे, जो अडानी ग्रुप की ओर से इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को समर्पित की गई थी।

गौतम अडानी ने ट्वीट करते हुए लिखा:

“पुरी रथयात्रा में सेवा का अवसर पाकर हम धन्य हैं। यह सिर्फ आयोजन नहीं, हमारी संस्कृति और आस्था का उत्सव है।”

जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी
जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा में गौतम अडानी

🍛 भोजन सेवा: बिना किसी भेदभाव के प्रेम से परोसा गया प्रसाद

हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं, जिनमें बड़ी संख्या बुज़ुर्गों, गरीबों और ज़रूरतमंदों की होती है। इस बार अडानी समूह ने नि:शुल्क भंडारा सेवा शुरू की — जिसमें साफ़-सुथरे ढंग से गरम, ताज़ा और पौष्टिक भोजन वितरित किया गया।

यह सेवा सिर्फ पेट भरने तक सीमित नहीं थी, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक सम्मानजनक अनुभव थी। कतारबद्ध व्यवस्था, डिस्पोज़ेबल प्लेट्स, साफ सफाई और सेवा करते हुए वॉलंटियर्स का भाव — सब कुछ भक्ति से सराबोर था।


🚰 पेयजल और सफाई पर भी विशेष ध्यान

भीड़भाड़ वाले आयोजनों में अक्सर पेयजल और साफ-सफाई की समस्या होती है। लेकिन इस बार जगह-जगह RO आधारित वाटर स्टेशन्स, डिस्पोज़ेबल ग्लास की व्यवस्था और सफाई कर्मियों के लिए फ्लोरेसेंट जैकेट्स की सुविधा ने साबित कर दिया कि सेवा के साथ प्रोफेशनलिज़्म भी उतना ही जरूरी है।

अडानी ग्रुप ने स्वच्छता को सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी मानने के बजाय इसे अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी समझा और उसका पालन भी बखूबी किया।


🛡️ सुरक्षा के लिए सहयोग

बारिश के मौसम में रथयात्रा एक चुनौती होती है। सुरक्षा बलों को बेहतर ढंग से काम करने के लिए रेनकोट्स, कैप्स और छतरियों की सप्लाई दी गई। वॉलंटियर्स को पहचानने योग्य T-Shirts दी गईं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या में तुरंत मदद मिल सके।


🌧️ बारिश में भी ‘रक्षा कवच’ बनी सेवा भावना

जब रथयात्रा के दौरान बारिश आई, तब श्रद्धालु भीग रहे थे — लेकिन अडानी ग्रुप के सहयोग से बाँटे गए छाते और रेनकोट्स ने कई ज़िंदगियों को आराम और राहत दी। यह सेवा न केवल सुविधा देने की थी, बल्कि हर श्रद्धालु को यह एहसास कराने की थी कि वह अकेला नहीं है।


💬 लोगों की प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर अडानी ग्रुप की इस पहल की खूब सराहना हो रही है। एक यूज़र ने लिखा:

“पहली बार किसी कॉर्पोरेट ने सेवा को इतना भव्य और सच्चे अर्थों में निभाया है। भगवान जगन्नाथ की कृपा ऐसे सेवाभावियों पर सदैव बनी रहे।”


🕉️ सेवा से साधना का संदेश

गौतम अडानी ने यह साबित कर दिया कि धर्म और सेवा सिर्फ व्यक्तिगत आस्था तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक ज़िम्मेदारी भी है। जब कोई उद्योगपति अपनी व्यस्त दिनचर्या में से समय निकालकर देश की परंपराओं में सहभागी बनता है, तो वह न केवल समाज को एकजुट करता है बल्कि नई पीढ़ी को कर्तव्य और भक्ति दोनों का संदेश भी देता है।


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Author: newsviewss

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