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पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय फजीहत: BRICS समिट में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, पीएम मोदी ने पाकिस्तान को लताड़ा

PM MODI ON BRICS

पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय फजीहत: BRICS समिट में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, पीएम मोदी ने पाकिस्तान को लताड़ा

2025 की BRICS समिट, जो इस बार ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में हुई, उसमें कई अहम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन एक मुद्दा ऐसा था जिसने सबका ध्यान खींचा — भारत के पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला।

समिट में जहां सदस्य देशों ने एक सुर में इस हमले की कड़ी निंदा की, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सीधा-सीधा कहा कि जब तक कुछ देश आतंक को अपने राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल करते रहेंगे, तब तक मानवता पर खतरा बना रहेगा।


क्या है पहलगाम आतंकी हमला?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में कुछ दिन पहले हुए आतंकी हमले में भारतीय सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें कई जवान शहीद हुए। यह हमला ऐसे वक्त हुआ जब अमरनाथ यात्रा की तैयारियाँ चरम पर थीं और क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी थी। इसके बावजूद आतंकी हमला हुआ, जिसने न सिर्फ भारत को बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया।


PM मोदी का तीखा वार

PM मोदी ने BRICS समिट के दौरान अपने भाषण में बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा:

“कुछ देश अब भी आतंकवाद को पालते हैं, उसका समर्थन करते हैं और अपने छिपे हुए एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए निर्दोषों की जान से खेलते हैं। यह सिर्फ किसी एक देश की सुरक्षा नहीं, पूरी दुनिया की सुरक्षा का सवाल है।”

इस बयान ने BRICS मंच पर पाकिस्तान की किरकिरी कर दी।


BRICS देशों की संयुक्त निंदा

ब्रिक्स देशों — ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका — ने संयुक्त बयान जारी कर पहलगाम हमले की निंदा की। यह पहली बार नहीं है जब BRICS ने आतंकवाद पर एक सुर में बात की हो, लेकिन इस बार का लहजा ज्यादा सख्त और स्पष्ट था।

संयुक्त बयान में कहा गया:

“हम आतंकवाद के सभी स्वरूपों और उसके समर्थकों की कड़ी निंदा करते हैं। पहलगाम जैसे कृत्य मानवता के खिलाफ हैं, और इनकी कोई धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक वैधता नहीं हो सकती।”


पाकिस्तान की कूटनीतिक शर्मिंदगी

इस निंदा के बाद पाकिस्तान की स्थिति अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी खराब हो गई है। पिछले कुछ वर्षों से पाकिस्तान पर यह आरोप लगता रहा है कि वह आतंकी संगठनों को शह देता है, उन्हें आर्थिक और सैन्य मदद उपलब्ध कराता है।

हाल ही में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकाले जाने के बाद पाकिस्तान को लगा था कि उसकी वैश्विक साख बेहतर हो रही है। मगर पहलगाम हमले और उस पर BRICS की निंदा ने उसकी सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया।


चीन का रवैया – थोड़ी नरमी, थोड़ा समर्थन

चीन ने BRICS के साझा बयान पर सहमति दी, मगर अपने बयान में अपेक्षाकृत नरमी बरती। उसने आतंकवाद की निंदा तो की, लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। यह चीन की पुरानी नीति का हिस्सा है, जो पाकिस्तान को ‘ऑल वेदर फ्रेंड’ मानता है।

हालांकि इस बार चीन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की चिंता को गंभीरता से लिया है, और अपने भाषण में कहा कि “आतंकवाद किसी भी देश की स्थिरता और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है।”


भारत को मिल रहा वैश्विक समर्थन

ब्रिक्स समिट में जो रुख अपनाया गया, उससे साफ है कि दुनिया अब आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ खड़ी है। अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश पहले ही पहलगाम हमले की निंदा कर चुके हैं, और अब BRICS जैसे बड़े समूह का समर्थन भारत के पक्ष को और मज़बूत करता है।


आगे का रास्ता क्या है?

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब सिर्फ निंदा तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। पीएम मोदी ने अपील की कि जो देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाए जाएं और अंतरराष्ट्रीय मंचों से अलग-थलग किया जाए।

BRICS का यह साझा रुख अब संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों में भी दबाव बनाएगा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं।

पाकिस्तान के लिए यह BRICS समिट किसी कूटनीतिक झटके से कम नहीं थी। भारत ने न सिर्फ सटीक शब्दों में अपनी बात रखी, बल्कि अन्य देशों का समर्थन भी हासिल किया। अब यह पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है — अगर वह आतंकवाद के साथ अपना खेल जारी रखेगा, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय फजीहत: BRICS समिट में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, पीएम मोदी ने पाकिस्तान को लताड़ा

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Author: newsviewss

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