PM Modi in BRICS 2025: ‘भारत की अध्यक्षता में BRICS का नया रूप’ – छोटे देशों के लिए उम्मीद की किरण!
ब्रिक्स समिट 2025 का माहौल इस बार कुछ अलग था। मंच वही था, देश वही — लेकिन दृष्टिकोण में बदलाव साफ नज़र आ रहा था। और इसकी वजह थी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दमदार भाषण, जिसने न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को चेताया, बल्कि छोटे और विकासशील देशों को एक नई आशा की किरण भी दिखाई।
पीएम मोदी ने इस बार स्पष्ट संदेश दिया कि भारत की अध्यक्षता में BRICS (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका) एक नया, मजबूत और ज्यादा असरदार स्वरूप लेने वाला है — एक ऐसा समूह जो सिर्फ बड़ी ताकतों की चर्चा का मंच नहीं बल्कि छोटे देशों के विकास का भी सहायक बनेगा।
🌍 BRICS में भारत की निर्णायक भूमिका
भारत के नेतृत्व में इस साल के BRICS सम्मेलन का मुख्य फोकस था:
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आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रणनीति
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ग्लोबल साउथ (Global South) के देशों को आर्थिक, तकनीकी और रणनीतिक समर्थन
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बहुपक्षीय संगठनों में निष्पक्षता और सुधार की मांग
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा,
“आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसे किसी भी परिस्थिति में नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अगर हम आज चुप रहे, तो कल बहुत देर हो जाएगी।”
इस सख्त और स्पष्ट चेतावनी ने ना सिर्फ दुनिया को झकझोर दिया, बल्कि BRICS में भारत के बढ़ते दबदबे को भी दर्शाया।


🌱 छोटे देशों को मिला समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के दौरान यह भी कहा कि भारत की अध्यक्षता में BRICS का दायरा केवल पांच देशों तक सीमित नहीं रहेगा। छोटे और विकासशील देश, जिनकी वैश्विक मामलों में अक्सर अनदेखी की जाती है, अब इस नए ‘BRICS Plus’ ढांचे का हिस्सा बन सकते हैं।
उन्होंने कहा:
“छोटे देशों की आवाज़ को भी वही सम्मान और जगह मिलनी चाहिए, जो बड़ी ताकतों को मिलती है। हम उनके साथ मिलकर एक न्यायपूर्ण और समावेशी वैश्विक व्यवस्था की नींव रखेंगे।”
🔐 आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति
BRICS 2025 में भारत की ओर से सबसे कड़ा रुख आतंकवाद के मुद्दे पर दिखा। पीएम मोदी ने किसी देश का नाम लिए बिना यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद को राजनीतिक हितों के लिए इस्तेमाल करना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
“आतंक का कोई धर्म नहीं होता, न ही इसका कोई राष्ट्र। लेकिन अगर कुछ देश इसे पनाह दे रहे हैं, तो वो मानवता के खिलाफ अपराध में सहभागी हैं।”
BRICS के अन्य सदस्य देशों ने भी भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिससे यह मुद्दा केवल ‘बयानबाजी’ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक ठोस रणनीति का हिस्सा बन गया।
💡 टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का साझा प्लेटफॉर्म
मोदी ने BRICS के अंदर एक साझा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन नेटवर्क बनाने का प्रस्ताव रखा। इस पहल का मकसद है:
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छोटे देशों को सस्ती और सुरक्षित तकनीक उपलब्ध कराना
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डिजिटल डिवाइड को खत्म करना
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साइबर क्राइम और डेटा सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाना
🌐 नई वैश्विक व्यवस्था की ओर कदम
BRICS अब सिर्फ आर्थिक साझेदारी का मंच नहीं रह गया है। यह एक वैश्विक नेतृत्व का दावा करने वाली संस्था बन रही है — और भारत इस बदलाव का अगुआ बन चुका है।
पीएम मोदी ने कहा:
“भारत की अध्यक्षता में BRICS न केवल एक संगठन है, बल्कि एक विचार है — ‘सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास’।”
📸 सोशल मीडिया और वैश्विक प्रतिक्रिया
PM मोदी के भाषण के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
ट्विटर पर #ModiInBRICS, #BRICS2025 और #NewBRICS ट्रेंड करने लगे।
फैंस और विश्लेषकों का कहना था कि “ये भाषण सिर्फ एक नेता का नहीं, बल्कि एक ग्लोबल स्टेट्समैन का था।”
भारत ने BRICS के मंच से एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि वह न केवल वैश्विक शक्ति है, बल्कि एक जिम्मेदार नेतृत्वकर्ता भी है। छोटे देशों के लिए यह नई नीति एक नई उम्मीद लेकर आई है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता, विकासशील देशों को समर्थन और टेक्नोलॉजी में सहयोग जैसे मुद्दों पर भारत की अगुवाई न सिर्फ BRICS को नया चेहरा देगी, बल्कि आने वाले वर्षों की ग्लोबल पॉलिटिक्स को भी दिशा देगी।












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