अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला की विदाई की तैयारी,अनडॉकिंग से पहले बोले- भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है
अंतरिक्ष में 17 दिनों तक वैज्ञानिक प्रयोग करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अन्य साथी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए रविवार शाम को विदाई और भोज का आयोजन किया गया। शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों की विदाई का खास पल समारोह के रूप में आज शाम 7:25 बजे (भारतीय समयानुसार) आयोजित किया गया। इस पार्टी में उन्होंने जिस तरह से नया भारत को लेकर बोला उसे सुनकर सभी विदेशी साथी दंग रह गए। शुभांशु शुक्ला ने अपनी स्पीच की शुरुआता करते हुए कहा कि Axiom-4 मिशन बहुत ही शानदार रहा। अब यह मिशन खत्म होने वाला है। उन्होंने इस मिशन से जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद दिया।
जब भी उन्हें समय मिला, उन्होंने पृथ्वी को देखा- शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला ने अपने फेयरवेल स्पीच में कहा कि जब भी उन्हें समय मिला, उन्होंने पृथ्वी को देखा। उन्होंने कहा कि यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। इसमें शामिल लोगों की वजह से यह अद्भुत और अविश्वसनीय बन पाई है। शुभांशु शुक्ला ने कहा कि आज का भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है। उन्होंने इस यात्रा के लिए अपने साथियों के साथ-साथ नासा, एक्सिओम मिशन के साथ-साथ भारत सरकार और देशवासियों का धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस यात्रा से मुझे बहुत कुछ अनुभव मिला। मैं यहां से बहुत कुछ लेकर जा रहा है। मालूम हो कि 15 जुलाई को शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से घरवापसी होगी। इन सभी का 14 दिन का यह टूर पूरा हो गया है। इस दौरान इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों ने कई तरह के रिसर्च किए।
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ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। वहीं राकेश शर्मा के बाद शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने हैं। उन्होंने भारत की वैज्ञानिक प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और मजबूत किया है और देशभर के युवाओं को प्रेरणा दी है। 26 जून 2025 को नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के ड्रैगन यान के जरिए शुभांशु शुक्ला और उनके साथी Ax-4 मिशन पर रवाना हुए थे। इस मिशन में अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन कमांडर के रूप में थीं, जबकि अन्य सदस्य पोलैंड के सावोस्ज़ उज़नान्स्की और हंगरी के तिबोर कपू थे। इन चारों ने कुल 250 से अधिक बार पृथ्वी की परिक्रमा की और 6 मिलियन मील से ज्यादा की दूरी तय की. 17 दिन की इस यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यान के दल ने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें माइक्रोएल्गी पर रिसर्च और नई सेंट्रीफ्यूगेशन तकनीकें शामिल हैं।
अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला की विदाई की तैयारी,अनडॉकिंग से पहले बोले- भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है
Author: Mukul Dwivedi
I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.












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