ट्रंप के टैरिफ ने बढ़ाई शहबाज शरीफ की चिंता, अमेरिका रवाना हुए पाक मंत्री औरंगजेब – ट्रेड डील के पीछे की पूरी कहानी
🇺🇸 ट्रंप का टैरिफ ऐलान और दुनिया में हलचल
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत को झटका दिया है। उन्होंने 2025 के चुनावों से पहले ही यह साफ कर दिया है कि सत्ता में आते ही वह कई देशों पर भारी टैरिफ (शुल्क) लगाएंगे। इसका सबसे अधिक असर चीन, भारत, मैक्सिको और पाकिस्तान जैसे देशों पर पड़ सकता है।
🇵🇰 शहबाज शरीफ सरकार की बेचैनी
पाकिस्तान, जो पहले से ही आर्थिक संकट और IMF की शर्तों के बोझ तले दबा हुआ है, ट्रंप के इस टैरिफ ऐलान से हिल गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अपने भरोसेमंद वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब को अमेरिका रवाना कर दिया है।
औरंगजेब का यह दौरा औपचारिक रूप से “ट्रेड पार्टनरशिप को मजबूत करने” के नाम पर किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक असल मकसद आगामी ट्रंप प्रशासन से राहत की उम्मीद तलाशना है।
🧳 औरंगजेब की अमेरिका यात्रा का उद्देश्य
पाकिस्तान की वित्तीय हालत किसी से छिपी नहीं है। IMF की शर्तों के तहत टैक्स बढ़ाना, बिजली दरें महंगी करना और सब्सिडी कम करना – सबकुछ जनता के खिलाफ गया है।
अब जब ट्रंप ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वह “अमेरिका फर्स्ट” नीति को और ज्यादा आक्रामक तरीके से लागू करेंगे, तब पाकिस्तान को डर है कि उनके एक्सपोर्ट पर भारी टैरिफ लग सकता है, जिससे न सिर्फ कारोबार घटेगा बल्कि विदेशी मुद्रा की स्थिति और भी कमजोर हो जाएगी।
औरंगजेब के अमेरिकी दौरे के मुख्य एजेंडे:
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संभावित टैरिफ से छूट के लिए लॉबिंग
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पाकिस्तान से टेक्सटाइल और रॉ मटेरियल की निर्यात प्रक्रिया आसान करवाना
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FDI (विदेशी निवेश) के लिए अमेरिकी कंपनियों को आमंत्रित करना
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GSP (Generalized System of Preferences) की बहाली पर बातचीत
💰 ट्रंप की पॉलिसी और पाकिस्तान का डर
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान प्रोटेक्शनिस्ट पॉलिसी को बढ़ावा दे चुके हैं। उनका मानना है कि अमेरिकी कंपनियों और मज़दूरों को तभी फायदा मिलेगा जब आयात घटेगा और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
इसका सीधा असर पाकिस्तान जैसे विकासशील देशों पर पड़ता है, जहां से अमेरिका सस्ता सामान मंगवाता है। अगर टैरिफ बढ़ा, तो न केवल पाकिस्तानी वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, बल्कि उनका निर्यात भी गिर जाएगा।
🧭 अमेरिका क्या देगा पाकिस्तान को?
फिलहाल अमेरिका की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अमेरिका पाकिस्तान को चीन से दूर करने के लिए कुछ व्यापारिक रियायतें दे सकता है।
चूंकि पाकिस्तान CPEC (चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर) में पहले ही गहराई तक शामिल है, अमेरिका नहीं चाहता कि यह संबंध और मजबूत हों।
🗨️ एक्सपर्ट्स की राय
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प्रो. नसीर हुसैन (अर्थशास्त्री): “ट्रंप की वापसी पाकिस्तान के लिए मुश्किलों भरा होगा। अगर डील नहीं हुई, तो पाकिस्तान का एक्सपोर्ट 25-30% तक गिर सकता है।”
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डॉ. मारिया जलाल (पॉलिटिकल एनालिस्ट): “यह दौरा पाकिस्तान की डिप्लोमैटिक स्टाइल का बड़ा उदाहरण है – जब भी परेशानी आती है, वाशिंगटन पहुंच जाते हैं।”
पाकिस्तान की आर्थिक नाव फिलहाल बहुत कमजोर लहरों पर तैर रही है। ट्रंप के टैरिफ ऐलान ने इस नाव को और अस्थिर कर दिया है। औरंगजेब की यह यात्रा पाकिस्तान के भविष्य की दिशा तय कर सकती है।
आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शहबाज सरकार अमेरिका से कोई व्यापारिक राहत हासिल कर पाती है या नहीं।
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