चक्रवाती तूफान रीमल अब भीषण तूफान में तब्दील हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार यह आज रात को पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच टकरा सकता है। यह पहली बार है कि मानसून से पहले बंगाल की खाड़ी में चक्रवात आ रहा है। इस चक्रवात की रफ्तार 120 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। इसका असर पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक दिखाई दे सकता है। कोलकाता में इसके असर को देखते हए एयरपोर्ट पर आज दोपहर बाद से 21 घंटे के लिए फ्लाइट्स के उड़ान पर भी रोक लगा दी जाएगी।
मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को गंभीर चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ को लेकर अलर्ट जारी किया है। IMD ने कहा कि साइक्लोन ‘रेमल’ का पाथ उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर सागर द्वीप समूह के दक्षिण पूर्व में लगभग 290 किमी, खेपुपारा (बांग्लादेश) के दक्षिण पूर्व में 300 किमी और कैनिंग (डब्ल्यूबी) के दक्षिण पूर्व में 320 किमी पर है।मौसम कार्यालय ने मछुआरों को 27 मई की सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है।
पश्चिम बंगाल-ओडिशा में भारी बारिश का अलर्ट
पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जैसे तटीय जिलों में 26-27 मई के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा कोलकाता, हावड़ा, नादिया और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में 26-27 मई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है और कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
साथ ही नॉर्थ ओडिशा के तटीय जिलों बालासोर, भदरक, केंद्रपाड़ा में भी आज और कल भारी बारिश की आशंका है। वहीं मयूरभंज में 27 मई को तेज बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने प्रभावति इलाकों में कमजोर भवनों, बिजली और संचार लाइनों, कच्ची सड़कों, फसलों और बगीचों को महत्वपूर्ण नुकसान की चेतावनी दी है। प्रभावित इलाकों में लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है।
चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए NDRF की टीमें तैयार
भारतीय तटरक्षक बल ने चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। समुद्र में जान माल के संभावित नुकसान को कम करने के लिए नौ आपदा राहत टीमों को लगाया गया है। एनडीआरएफ ने 12 टीमों को तैनात किया है और पांच अतिरिक्त टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना की बचाव व राहत टीमें भी तैयार हैं। मौसम विभाग के अनुसार 26 और 27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में इस चक्रवाती तूफान की वजह से काफी अधिक बारिश होगी।
