दीवाली पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा तोहफा, दिल्ली-एनसीआर में अब ग्रीन पटाखों की इजाजत — जानिए कब, कैसे और किन शर्तों के साथ
दीवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों को एक बड़ी राहत दी है। लंबे समय से पटाखों पर लगी सख्त पाबंदी के बीच अब कोर्ट ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग पर लगी रोक 25 अक्टूबर 2025 तक के लिए हटा दी है।
यह फैसला देशभर के त्योहार प्रेमियों के लिए खुशखबरी की तरह आया है, क्योंकि इससे न सिर्फ लोगों को दीवाली मनाने की आजादी मिलेगी, बल्कि पटाखा उद्योग से जुड़े लाखों लोगों को भी राहत मिलेगी।
⚖️ कब और क्यों लिया गया ये फैसला?
यह आदेश 15 अक्टूबर 2025 (बुधवार) को सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनाया।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि त्योहारों के मौके पर पूरी तरह से पटाखों पर रोक लगाने से छोटे कारोबारियों और कारीगरों की आजीविका पर बुरा असर पड़ रहा है।
उन्होंने सुझाव दिया कि नियंत्रित परिस्थितियों में ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जा सकती है — जो पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं और प्रदूषण का स्तर सीमित रखते हैं।
💬 कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण ने कहा —
“हम समझते हैं कि लोगों के त्योहार की खुशियों और पर्यावरण के संतुलन दोनों का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए अदालत यह अनुमति केवल ग्रीन पटाखों तक सीमित रखती है। इनका उपयोग निर्धारित समयसीमा और स्थानों में ही किया जा सकेगा।”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई स्थायी अनुमति नहीं है, बल्कि यह 25 अक्टूबर 2025 तक की अंतरिम राहत है। उसके बाद प्रदूषण के स्तर और प्रभाव की समीक्षा की जाएगी।
🌱 क्या हैं ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखे वे पटाखे हैं जिनमें
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पारंपरिक रासायनिक मिश्रण की जगह पर्यावरण-अनुकूल तत्व होते हैं,
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सल्फर और नाइट्रेट की मात्रा कम होती है,
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और जो 30-40% तक कम धुआं और आवाज उत्पन्न करते हैं।
इन पटाखों का निर्माण वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के निर्देशन में किया गया है।
🧨 कहाँ और कैसे की जा सकेगी बिक्री और इस्तेमाल?
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि:
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केवल लाइसेंस प्राप्त विक्रेता ही ग्रीन पटाखों की बिक्री कर सकेंगे।
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ऑनलाइन बिक्री या डिलीवरी पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
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रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी।
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पटाखों के उपयोग के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित ज़ोन बनाए जाएंगे।
💼 पटाखा कारोबारियों के लिए राहत
पिछले कुछ सालों से दिल्ली-एनसीआर में पटाखा व्यापार पर पूरी तरह से रोक के कारण हजारों छोटे कारोबारी और मजदूर प्रभावित हुए थे।
अब इस आदेश के बाद पटाखा उद्योग में अस्थायी रूप से रौनक लौट आई है।
तमिलनाडु के शिवकाशी जैसे इलाकों में जहां देश के 80% पटाखे बनते हैं, वहां भी इस फैसले को लेकर खुशी की लहर है।
🌫️ प्रदूषण नियंत्रण पर सरकार की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि
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ग्रीन पटाखों की गुणवत्ता की जांच करें,
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हवा की गुणवत्ता पर लगातार निगरानी रखें,
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और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।
कोर्ट ने साफ कहा कि अगर किसी ने बैन किए गए पारंपरिक पटाखों का इस्तेमाल किया तो कानूनी कार्रवाई होगी।
📅 कब से लागू होगा आदेश?
यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है और 25 अक्टूबर 2025 तक वैध रहेगा।
दीवाली इस बार 26 अक्टूबर को मनाई जा रही है, इसलिए लोगों को एक हफ्ते पहले से ही तैयारी का मौका मिल जाएगा।
🙌 लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर फैसले के बाद लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली।
कई लोगों ने इसे “दीवाली का तोहफा” बताया, वहीं कुछ पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई कि इससे प्रदूषण फिर से बढ़ सकता है।
ट्विटर पर #GreenCrackers, #SupremeCourt, #Diwali2025 जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक संतुलित कदम माना जा रहा है।
जहां एक ओर यह लोगों की भावनाओं का सम्मान करता है, वहीं दूसरी ओर यह पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति भी जिम्मेदारी दिखाता है।
अब जिम्मेदारी नागरिकों की है कि वे जिम्मेदारी से जश्न मनाएं, ताकि त्योहार की रोशनी धुएं में न खो जाए।
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