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बिहार की तरह देश के 12 और राज्यों में भी लागू होगा SIR सिस्टम, चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

बिहार की तरह देश के 12 और राज्यों में भी लागू होगा SIR सिस्टम, चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

बिहार की तरह देश के 12 और राज्यों में भी लागू होगा SIR सिस्टम, चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

भारत में चुनाव प्रक्रिया को और पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की है कि बिहार में SIR सिस्टम (Smart Integrated Reporting System) के सफल प्रयोग के बाद अब इसे देश के 12 और राज्यों में लागू किया जाएगा। यह निर्णय भारतीय लोकतंत्र के तकनीकी आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।


🗓️ क्या है SIR सिस्टम और कब लागू हुआ?

SIR (Smart Integrated Reporting) सिस्टम को पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रयोगात्मक तौर पर लागू किया गया था। इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य था —

  • मतदान प्रक्रिया की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग,

  • डेटा पारदर्शिता,

  • और फेक रिपोर्टिंग व गड़बड़ियों को रोकना।

यह सिस्टम बूथ से लेकर जिला और राज्य स्तर तक सभी रिपोर्टों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का काम करता है। इससे मतदान के दौरान किसी भी तरह की अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई संभव होती है।

चुनाव आयोग ने बताया कि 21 सितंबर 2025 को हुई समीक्षा बैठक में SIR के पहले चरण की रिपोर्ट को देखकर यह फैसला लिया गया कि अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा।


📍 क्यों जरूरी था SIR सिस्टम का विस्तार?

बिहार में SIR सिस्टम की सफलता ने चुनाव आयोग को नई दिशा दिखाई।
इस सिस्टम की मदद से —

  • वोटिंग प्रतिशत की सटीक जानकारी मिली,

  • मतदान केंद्रों की लाइव रिपोर्टिंग आसान हुई,

  • और EVM या वोटिंग से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकी।

इन नतीजों से प्रभावित होकर आयोग ने तय किया कि इस डिजिटल रिपोर्टिंग सिस्टम को 12 और राज्यों में लागू किया जाएगा। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा शामिल हैं।


🏛️ मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा,

“बिहार में SIR सिस्टम ने पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत किया है। अब इसे देश के बाकी राज्यों में लागू करना लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले लोकसभा चुनाव तक सभी राज्यों में यह सिस्टम काम करने लगे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस सिस्टम के जरिए चुनाव आयोग को ग्राउंड लेवल से मिली सूचनाएं मिनटों में मिल जाती हैं, जिससे निर्णय लेना और कार्रवाई करना पहले से कई गुना आसान हो गया है।


⚙️ कैसे करेगा काम SIR सिस्टम?

  • हर बूथ पर मौजूद अधिकारियों को एक विशेष मोबाइल ऐप दिया जाएगा।

  • इस ऐप के जरिए मतदान की हर प्रक्रिया की रीयल-टाइम रिपोर्ट अपलोड की जाएगी।

  • जिले और राज्य स्तर के अधिकारी इन रिपोर्टों को डिजिटल डैशबोर्ड पर देख सकेंगे।

  • किसी भी विसंगति पर तुरंत स्वचालित अलर्ट सिस्टम काम करेगा।

यह पूरी प्रक्रिया पेपरलेस, सुरक्षित और ट्रैक करने योग्य होगी।


🌐 जनता और लोकतंत्र के लिए क्या फायदे होंगे

SIR सिस्टम लागू होने से न केवल चुनाव आयोग को फायदा होगा बल्कि आम नागरिकों को भी लाभ मिलेगा।

  • चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी

  • फर्जी वोटिंग और बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं पर लगाम लगेगी

  • मीडिया और आम जनता को विश्वसनीय डेटा मिलेगा

  • और चुनावी नतीजों पर भरोसा और मजबूत होगा


बिहार से शुरू हुई यह तकनीकी पहल अब पूरे देश में लोकतंत्र की रीढ़ बनने जा रही है। चुनाव आयोग का यह निर्णय भारत के चुनावी इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ देगा।
SIR सिस्टम के विस्तार से उम्मीद है कि भारत में चुनाव और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और जवाबदेह बनेंगे।


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theguardian.com thetimes.co.uk theaustralian.com.au

 

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Author: newsviewss

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