विज्ञापन के लिए संपर्क करें

ट्रंप का दावा: “हमारे पास इतने परमाणु बम हैं कि दुनिया 150 बार तबाह हो जाएगी” – चीन को बताया अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा

ट्रंप-का-दावा-हमारे-पास-इतने-परमाणु-बम-हैं

ट्रंप का दावा: “हमारे पास इतने परमाणु बम हैं कि दुनिया 150 बार तबाह हो जाएगी” – चीन को बताया अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा


वॉशिंगटन (अमेरिका): पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका के पास इतने परमाणु बम (Nuclear Weapons) हैं कि “दुनिया को 150 बार तक तबाह किया जा सकता है।” ट्रंप ने यह बयान चीन के साथ चल रहे बढ़ते तनाव और वैश्विक शक्ति संतुलन के संदर्भ में दिया।

🕓 क्या हुआ और कब हुआ

यह बयान ट्रंप ने गुरुवार को एक टेलीविज़न इंटरव्यू के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिका की रक्षा नीति, चीन के साथ रिश्ते और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा,

“अमेरिका के पास ऐसी ताकत है जिसका अंदाजा किसी को नहीं है। हमारे पास इतने परमाणु हथियार हैं कि पूरी दुनिया को कई बार मिटाया जा सकता है। लेकिन हमारी कोशिश युद्ध नहीं, सहयोग की होनी चाहिए।”

ट्रंप ने आगे कहा कि चीन अमेरिका के लिए सबसे बड़ा आर्थिक और सामरिक खतरा है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों देशों को आपसी टकराव की बजाय विकास और तकनीक में सहयोग करना चाहिए।


⚔️ ट्रंप का रुख – चीन को बताया ‘सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी’

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के बढ़ते सैन्य और तकनीकी प्रभाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि चीन अब सिर्फ एक ‘व्यापारिक प्रतिस्पर्धी’ नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा देश बन गया है जो अमेरिका की वैश्विक स्थिति को चुनौती दे सकता है।
ट्रंप के शब्दों में –

“चीन बहुत चालाक है, वे आर्थिक और तकनीकी रूप से तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन अमेरिका अभी भी नंबर वन है, और रहेगा।”

ट्रंप और जिनपिंग की मीटिंग में सुलझेगा टैरिफ विवाद?
ट्रंप और जिनपिंग की मीटिंग में सुलझेगा टैरिफ विवाद?

💬 राजनीतिक संकेत और चुनावी सन्दर्भ

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका में 2026 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और ताकत को लेकर ट्रंप की चुनावी रणनीति का हिस्सा भी है।
उनके समर्थक इस बयान को “अमेरिका की ताकत का प्रतीक” बता रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इसे “भड़काऊ और गैर-जिम्मेदाराना” करार दे रहे हैं।


🌍 वैश्विक प्रतिक्रिया

ट्रंप के इस बयान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।

  • रूस ने कहा कि “ऐसे बयान दुनिया में तनाव बढ़ा सकते हैं।”

  • चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे “राजनीतिक बयानबाज़ी” बताते हुए कहा कि “अमेरिका को अपनी सैन्य ताकत के बजाय कूटनीति पर ध्यान देना चाहिए।”

  • वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) के अधिकारियों ने परमाणु शस्त्र नियंत्रण (Nuclear Disarmament) पर नई चर्चा की मांग की है।

  • पीएम मोदी चीन दौरा: SCO शिखर सम्मेलन
    पीएम मोदी चीन दौरा: SCO शिखर सम्मेलन

📉 क्या असर पड़ सकता है

ट्रंप का यह बयान न केवल अमेरिका की विदेश नीति पर असर डाल सकता है बल्कि वैश्विक शांति वार्ताओं पर भी छाया डाल सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के बयान दुनिया में अण्वस्त्र (nuclear weapons) के खतरे को फिर से चर्चा में ला रहे हैं।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप अपने पुराने अंदाज़ में “कठोर और शक्तिशाली अमेरिका” की छवि बनाना चाहते हैं।
वहीं कई अमेरिकी नागरिकों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “अब समय सहयोग का है, न कि डर फैलाने का।”


डोनाल्ड ट्रंप का बयान भले ही अतिशयोक्तिपूर्ण लगे, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि वैश्विक स्तर पर सत्ता संतुलन (power balance) और परमाणु नीति फिर से अंतरराष्ट्रीय बहस का केंद्र बनने जा रही है।
जहां एक तरफ चीन और रूस अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार कर रहे हैं, वहीं अमेरिका भी यह संदेश देना चाहता है कि वह अब भी “दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति” है।

हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका के पास इतने परमाणु बम (Nuclear Weapons) हैं कि “दुनिया को 150 बार तक तबाह किया जा सकता है।” ट्रंप ने यह बयान चीन के साथ चल रहे बढ़ते तनाव और वैश्विक शक्ति संतुलन के संदर्भ में दिया।


Sunita Williams ने धरती पर रखा कदम, जानिए उनके इस 9 महीने की अद्वितीय साहस की कहानीHathras का अय्याश प्रोफेसर! 30 से ज्यादा छात्राओं को अपने जाल में फंसाया

theguardian.com thetimes.co.uk theaustralian.com.au

newsviewss
Author: newsviewss

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप हेडलाइंस