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PM Modi Kanniyakumari Meditation: 45 घंटे की ध्यान साधना में लीन हुए प्रधानमंत्री मोदी, मौनव्रत के साथ करेंगे ये काम

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का प्रचार खत्म होने के बाद भी प्रधानमंत्री चर्चे में हैं। लेकिन इस बार चर्चा प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की नहीं उनके ध्यान को लेकर हो रहा है। प्रधानमंत्री पंजाब में इस चुनाव प्रचार का आखिरी भाषण देने के बाद अब गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंचे हैं। पीएम मोदी वहां  विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) में  45 घंटे तक ध्यान लगाएंगे।

पीएम मोदी 1 जून की शाम वो बाहर आएंगे। जानकारी के अनुसार, 45 घंटे के दौरान पीएम मोदी सिर्फ तरल आहार लेंगे। वो नारियल पानी का सेवन करेंगे। अंगूर के जूस का सेवन करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान मौनव्रत का पालन करेंगे। वहीं, वो ध्यान कक्ष से बाहर नहीं आएंगे।

पीएम मोदी ने की भगवती अम्मन मंदिर में पूजा

इससे पहले गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले उस मंदिर में पूजा-अर्चना की, जो देवी कन्याकुमारी को समर्पित है और इस मंदिर को भगवती अम्मन मंदिर भी कहा जाता है।

कन्याकुमारी के ध्यान मंडपम् पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद के गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस और उनकी धर्मपत्नी मां शारदा को नमन किया। उसके बाद स्वामी विवेकानंद की विशाल प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित किए।

प्रधानमंत्री के ध्यानमग्न होने से पहले विवेकानंद रॉक मेमोरियल के आस-पास  2,000 पुलिसकर्मियों के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की मौजूदगी है। यही नहीं, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी समुद्री सीमाओं पर निगरानी बनाए रखे हुए हैं।

131 साल पहले इसी रॉक पर स्वामी विवेकानंद ने की थी तपस्या

यह मेमोरियल हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का भी मिलन स्थल है। आज से ठीक 131 साल पहले जब स्वामी विवेकानंद 1892 में कन्याकुमारी आए थे, तब उन्होंने भी समुद्र की शिला पर ध्यान लगाने से पहले इसी मंदिर में भक्तिपाठ किया था और आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपना ध्यान इसी मंदिर में दर्शन के साथ शुरू किया है।

यह स्मारक स्वामी विवेकानंद की याद में ही बनाया बनाया गया है, जिन्होंने देशभर का दौरा करने के बाद 1892 के अंत में समुद्र के अंदर इन चट्टानों पर तीन दिन ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था। इस स्थान का नाम स्वामी विवेकानंद की याद में ही विवेकानंद रॉक मेमोरियल रखा गया है। यह भारत का सुदूर दक्षिण का हिस्सा है, जहां पर कि पूर्वी व पश्चिमी घाट आपस में मिलते हैं।

 

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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