गुजरात में श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका के 7 द्वीपों को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया गया है। यहाँ अवैध रूप से बनाए गए 36 ढाँचे तोड़ दिए गए हैं। यह कार्रवाई राज्य सरकार ने तेजी के साथ की है। राज्य के गृह राज्य मंत्री ने बताया है कि द्वारका के द्वीप अब अतिक्रमण से 100% मुक्त हैं। सोशल मीडिया पर हर्ष संघवी ने अतिक्रमण हटाने के बाद की तस्वीरें शेयर करते हुए पोस्ट किया है। अपनी पोस्ट में संघवी ने लिखा,’देवभूमि द्वारका के सातों द्वीप पूर्णतया अवैध निर्माण मुक्त किए गए, द्वारका के 7 अलग-अलग द्वीपों पर अवैध कब्जे पूरी तरह हटा दिए गए हैं. जिला प्रशासन और पुलिस बल ने 36 अवैध धार्मिक अतिक्रमण हटा दिए हैं।’
DevBhoomi Dwarka!
The 7 islands of Dwarka district are NOW 100% encroachment-free!
A total of 36 illegal structures have been successfully removed from the seven islands.
Kudos to the Administration and team for their dedication and commitment to preserving our cultural… pic.twitter.com/cOU9AWfoPE
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) January 21, 2025
6 धार्मिक और व्यावसायिक निर्माणों को भी हटाया गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण कदम पुलिस और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से उठाया गया है। इन टापुओं में खारा चुसणा, मीठा चुसणा, आशाबा, धोरोयो, धबधबो, सामयाणी और भैदर शामिल हैं, जहां कुल 36 धार्मिक और व्यावसायिक निर्माणों को हटाया गया। खारा चुसणा और मीठा चुसणा टापुओं पर विशेष रूप से 15 अवैध निर्माणों को पूरी तरह से ध्वस्त किया गया है। इस कार्रवाई में 314 आवासीय इमारतें, 9 वाणिज्यिक और 12 धार्मिक स्थलों को हटा दिया गया है। यह अतिक्रमण था, ऐसे में कुल 335 अतिक्रमण को हटा दिया गया है। इससे बेट द्वारका में कुल 1,00,642 वर्ग मीटर क्षेत्रफल को खाली कराया गया है। इस जमीन की कुल सरकारी मूल्य 53 करोड़ 04 लाख 25 हजार 500 रुपये तक है।
2022 में हुआ था पहली बार बुलडोजर एक्शन
बुलडोजर एक्शन से पहले प्रशासन ने लगातार लोगों को नोटिश भेजकर अतिक्रमण हटाने और अवैध घरों को खाली करने के नोटिस लोगों को भेजे थे। यहां दरगाह जैसे कुछ ढाँचे पहले खड़े दिखाई देते हैं, जिन्हें बाद में जमींदोज कर दिया गया है। यह ढाँचे 7 अलग-अलग द्वीपों पर बने हुए थे। इन अतिक्रमण वाले ढांचों ने जमीन का बड़ा हिस्सा कब्जाया हुआ था। द्वारका के बाकी इलाकों में भी अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए सैकड़ों ढाँचे गिराए जा चुके हैं। खास बात यह है कि इस इलाके में पहली बार 2022 में बुलडोजर एक्शन हुआ था। सर्वे के बाद एक बार फिर प्रशासन हरकत में आ गया। अवैध निर्माण के जरिए यहां से कई तरह की अवैध गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा था। तस्करी से लेकर तमाम तरह के अपराधों की वजह से इस इलाके में प्रशासन की नाक में दम हो रखा था।
द्वारका कॉरिडोर की योजना
गुजरात के गृह मंत्री संघवी के अनुसार, यह भूमि जल्द लोगों को नई सुविधाओं की अगुवाई करने वाली है। यह सभी के लिए बेहतर भविष्य की दिशा में अहम कदम है। गुजरात के द्वारका में महा बुलडोजर एक्शन को द्वारका तीर्थ क्षेत्र के विकास से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले साल पीएम मोदी ने द्वारका में द्वारका और बेट द्वारका को जोड़ने वाले सीब्रिज का उद्घाटन किया था। इस ब्रिज को सुदर्शन ब्रिज नाम दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है अब सरकार की तरफ से खाली कराई गई जमीन पर टूरिस्ट सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। सरकार की योजना काशी विश्वनाथ और महाकाल उज्जैन की तरह ही द्वारका कॉरिडोर की योजना है।
Author: Mukul Dwivedi
I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.












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