महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान आज मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शुरू हो गया है। अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पहुंचे। पवित्र स्नान का यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाता नजर आ रहा था। ब्रह्म मुहूर्त में ही लोगों ने पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।

महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) मंगलवार सुबह 6.15 बजे से शुरू हुआ। संन्यासियों के हाथों में तलवार-त्रिशूल, डमरू। पूरे शरीर पर भभूत। घोड़े और रथ की सवारी। हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए नागा साधु-संत संगम पहुंच रहे हैं। सरकार के मुताबिक, दोपहर 1 बजे तक 1 करोड़ 60 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। इस हिसाब से 30 घंटे में 3 करोड़ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। हालात संभालने के लिए आर्मी को भी स्टैंड बाई पर रखा गया है।

अखाड़े के संतों ने लगाई डुबकी
पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया। जूना अखाड़े समेत 7 संन्यासी अखाड़ों के संत स्नान कर चुके हैं। अब वैरागी अखाड़ों के संत संगम में स्नान करने के लिए निकले हैं। महाकुंभ में पहली बार शाही स्नान की जगह अमृत स्नान शब्द का इस्तेमाल किया गया। अखाड़ों ने नाम बदलने का प्रस्ताव दिया था।

संगम जाने वाले सभी रास्तों में 8 से 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला है। स्नान के लिए सभी 13 अखाड़ों को अलग-अलग 30-40 मिनट का समय दिया है। संगम पर दुनियाभर का मीडिया और 50 से ज्यादा देशों के श्रद्धालु हैं। 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए। साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई। संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई। इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।

सुरक्षा व्यस्था के पुख्ता इंतजाम
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि आज 2025 महाकुंभ का प्रथम अमृत स्नान है। जिसमें विभिन्न अखाड़ों को साधु-सन्यासी भी स्नान कर रहे हैं। आज ब्रह्म मुहूर्त से ही अखाड़ों का आना शुरू हो चुका है। महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए। हर मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की गहन जांच की गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती से पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा। डीआईजी कुम्भ मेला वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी समेत पुलिस टीम ने घोड़े के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया और अमृत स्नान जा रहे अखाड़ा साधुओं का मार्ग प्रशस्त किया।
Author: Mukul Dwivedi
I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.












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