Nimisha Priya on death row in Yemen: यमन जेल में बंद निमिषा प्रिया की फांसी टल गई है। निमिषा के परिवार और पीड़ित तलाल अब्दो महदी के परिवार के बीच ब्लड मनी को लेकर कोई फाइनल समझौता न होने की वजह से यह फैसला हुआ है। फांसी टलने की सूचना जेल ऑथोरिटी ने दी है। उसे 16 जुलाई को सजा-ए-मौत दी जानी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यमन(Yamen) में एक्टिविस्ट ग्रुप और प्रभावशाली धार्मिक नेताओं ने इस मामले में दखल दिया, जिसके बाद निमिषा प्रिया की मौत की सजा स्थगित कर दी गई है।
Yemen में ब्लड मनी के लिए मिला समय
निमिषा को मौत की सजा से बचाने के लिए यमन(Yemen) में डिप्लोमैटिक लेवल पर भी कई कोशिशें की गई थीं। खबर यह भी है कि पीड़ित का परिवार अभी तक क्षमादान या ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए सहमत नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक निमिषा मामले में ग्रांड मुफ्ती अबूबकर अहमद पीड़ित अब्दो महदी के परिवार से बात कर रहे हैं। पहले दिन की बातचीत सकारात्मक रही, जिसके कारण आगे भी बातचीत की गुंजाइश बची है। इसे देखते हुए यमन सरकार(Yamen) ने यह फांसी टालने का फैसला किया गया है। भारत सरकार, इस मामले में शुरुआत से ही निमिषा प्रिया को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। हाल के दिनों में निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं।
Yemen की जेल में फांसी की सजा भुगत रही निमिषा प्रिया
केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में यमन(Yamen) के एक व्यक्ति की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। निमिषा प्रिया को साल 2017 में यमन(Yamen) के एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। उस शख्स ने कथित तौर पर निमिषा प्रिया को प्रताड़ित किया और उसके साथ मारपीट की। निमिषा ने उस शख्स के कब्जे से अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए, कथित तौर पर उस यमनी(Yamen) व्यक्ति को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन ज़्यादा मात्रा में दवा लेने से उस शख्स की मौत हो गई। इसके बाद केरल की रहने वाली 37 वर्षीय निमिषा को यमन(Yamen) में मौत की सजा सुनाई गई थी।
अपने पति और बेटी के साथ पिछले 2016 में Yemen गई थी निमिषा
यमन(Yamen) की अदालत ने निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई है। वह 2017 से यमन(Yamen) की जेल में बंद है। निमिषा अपने पति और बेटी के साथ पिछले लगभग एक दशक से यमन में काम कर रही थीं। 2016 में यमन में हुए गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन इससे पहले 2014 में ही उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे। लेकिन निमिषा वापस लौट नहीं पाई थी। इसके बाद निमिषा पर जुलाई 2017 में एक यमनी(Yamen) नागरिक की हत्या का आरोप लगाया गया। लिहाजा सात मार्च 2018 को यमन में अदालत ने निमिषा की मौत की सजा को बरकरार रखा था।
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निमिषा की फांसी रोकने के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने यमन(Yamen) से कुछ और दिनों की मांग की थी, जिससे निमिषा का परिवार पीड़ित परिवार को ब्लड मनी के लिए मना सके। निमिषा प्रिया का मामला काफी संवेदनशील था। इसके बावजूद सरकार लगातार यमन के संपर्क में थी। आखिर में भारत सरकार की कोशिशें रंग लाई और निमिषा की फांसी को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, यह फांसी कब तक के लिए टली है? इसपर अभी तक अपडेट सामने नहीं आया है।
Author: Mukul Dwivedi
I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.












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