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Shimla Masjid Case: देवभूमि हिमाचल में मस्जिद को लेकर 14 साल से क्यों मचा है बवाल? जानिए पूरा सच

देवभूमि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मस्जिद के अंदर हुए अवैध निर्माण को लेकर तनाव और बढ़ने लगा है। यहां हिंदू संगठन सड़कों पर उतरकर इस मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को भी शिमला के संजौली इलाके में करीब 5:30 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने ‘हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे लगाए। इन लोगों के मुताबिक इस पांच मंजिला मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है।

2010 में सबसे पहले मस्जिद निर्माण को लेकर हुई थी शिकायत

दरअसल, राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में कुल पांच मंजिलें बनाई गई है। यहां पर केवल ढाई मंजिल ही बनाने की मंजूरी शिमला में है। लेकिन एक के बाद एक, पांच मंजिलें यहां बन गई लेकिन निगम प्रशासन निर्माण को रोकने में नाकाम रहा। 2010 में सबसे पहले मस्जिद निर्माण को लेकर शिकायत हुई थी और रोक के बावजूद यहां पर लगातार निर्माण होता रहा, बड़ी बात है कि यहां पर तीन सरकारें आईं, लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर साल 2010 से लेकर अब तक 44 बार सुनवाई हो चुकी है लेकिन फैसला नहीं आया है। हालांकि इस दौरान मस्जिद दो मंजिला से बढ़ते-बढ़ते 5 मंजिला जरूर बन गई है।

अवैध निर्माण की शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

5 दिनों से प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना कि वे प्रशासन से कई बार मस्जिद में अवैध निर्माण की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। लोगों का आरोप है कि ये मामला किसी धार्मिक स्थल का नहीं बल्कि वैध और अवैध निर्माण का है। 2010 में जब मस्जिद में निर्माण शुरू हुआ तब यहां दुकान हुआ करती थी। कई बार नोटिस दिया गया लेकिन मस्जिद का निर्माण 6750 स्क्वायर फुट तक पहुंच गया। ये जमीन हिमाचल सरकार की है। हालांकि मस्जिद के इमाम का दावा है मस्जिद 1947 से पहले की है और वक्फ बोर्ड की मिल्कियत है।

तेजी से बढ़ रही मुस्लिमों की आबादी!

इसके साथ ही इलाके में मुस्लिमों की आबादी भी तेजी से बढ़ रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मुसलमान यहां पर बाहर से आकर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं जिससे शिमला के डेमोग्राफी बदल रही है। शिमला में 5 मंजिला इस मस्जिद को लेकर इलाके की महिलओं ने कई बड़े आरोप लगाए हैं। महिलाओं का कहना है कि मस्जिद की आड़ में मदरसा चलाया जा रहा है और यहां उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक मौलाना पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां पढ़ने के लिए बाहर से लोगों को लाया जाता है जो आए दिन महिलाओं और लड़कियों को परेशान करते हैं।

हिंदू युवक से मारपीट के बाद मामले ने पकड़ा तूल

पिछले महीने यानी कि अगस्त माह की बात है संजौली के मल्याणा क्षेत्र में एक दुकान पर काम करने वाले 37 वर्ष के विक्रम सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। मारपीट करने वाले कुछ लोगों में मुस्लिम थे। दोनों पक्षों के बीच हुई कहासुनी कब मारपीट में तब्दील हो गई पता नहीं चला। मामला इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने विक्रम सिंह पर डंडे और रॉड से वार किया। इसके बाद पीड़ित बुरी तरह जख्मी हो गया। अब इसके बाद ऐसी सूचना सामने आई कि ये आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद मस्जिद में आकर छिप गए। बस फिर क्या था, इस मामले ने देखते ही देखते तूल पकड़ लिया और फिर 14 साल पुराने अवैध निर्माण मामले की परतें खुलती गईं।

हिमाचल विधानसभा में भी गूंजा अवैध मस्जिद का मुद्दा

मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला हिमाचल विधानसभा में भी गूंजा। यहां तक कि सुक्खू सरकार के मंत्री और कुसुंपटी के कांग्रेस विधायक अनिरूद्व सिंह ने पूरी मस्जिद को ही अवैध बता दिया। इस दौरान उन्होंने लव जिहाद का मुद्दा तो उठाया ही, साथ ही शिमला में रोहिंग्यों के होने का भी जिक्र कर दिया।  वहीं सूबे की सरकार अभी इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।  हालांकि सीएम सुक्खू इतना जरूर कह रहे हैं कि कानून व्यवस्था से कोई खिलवाड़ नहीं होगा और सब कुछ नियम के मुताबिक होगा। उन्होंने कहा कि कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Mukul Dwivedi
Author: Mukul Dwivedi

I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.

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