रूस ने दिखाई अपनी असली ताकत: Su-57 से जिरकॉन मिसाइल का परीक्षण
रूस ने हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया है जिसने विश्व की प्रमुख सेनाओं को चौकन्ना कर दिया है। रूस ने अपने Su-57 Stealth Fighter Jet से Zircon Hypersonic Missile का सफल परीक्षण कर पूरी दुनिया को संदेश दे दिया है — “हम सिर्फ हवा में तेज नहीं हैं, हम अगले युद्ध के लिए तैयार हैं।”
इस परीक्षण के साथ अब एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है:
👉 क्या भारत भी यह ताकतवर फाइटर जेट खरीद सकता है?
क्या है Su-57 और Zircon मिसाइल की खासियत?
🛩️ Su-57: रूस का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर
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यह रूस का पहला फिफ्थ जनरेशन मल्टी-रोल फाइटर जेट है।
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दुश्मन की नजरों से बचकर हमला करने में सक्षम (Stealth Technology)
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एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड दोनों मिशन में सक्षम
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Supercruise और सुपर-मोबिलिटी की ताकत
🚀 Zircon Missile: हाइपरसोनिक तबाही
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स्पीड: Mach 9 (ध्वनि की गति से 9 गुना तेज)
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रेंज: 1000 किमी
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टारगेट: दुश्मन के जहाज, रडार, एयरबेस, और ग्राउंड टारगेट
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Defence Systems को चकमा देने में सक्षम (Anti-Ship & Land Attack)
अब जब इस मिसाइल को Su-57 जैसे अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म पर फिट कर दिया गया है, तो इसका मतलब है — हवा से दुश्मन पर बिना वक्त गंवाए, दूर से तबाही।
भारत की इसमें क्यों है रुचि?
भारत पहले से ही रूस से रक्षा तकनीक और हथियारों का एक प्रमुख ग्राहक रहा है — चाहे वो S-400 हो, या Su-30MKI।
अब जब रूस ने Su-57 को हाइपरसोनिक हथियारों से लैस कर दिया है, तो भारत के लिए यह फाइटर एक बेहद जरूरी रणनीतिक विकल्प बन सकता है।
भारतीय वायुसेना की संभावित जरूरतें:
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5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की कमी
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चीन और पाकिस्तान की बढ़ती वायुशक्ति का जवाब
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AMCA (स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का फाइटर) अभी विकास के चरण में है
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Su-57 खरीदने से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का लाभ मिल सकता है
क्या भारत खरीदेगा Su-57?
भारत की अब तक की स्थिति थोड़ी जटिल रही है:
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पहले भारत रूस के साथ FGFA (Fifth Generation Fighter Aircraft) प्रोजेक्ट का हिस्सा था
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बाद में भारत ने इस प्रोजेक्ट से हटने का फैसला लिया था, क्योंकि उसे Su-57 में कुछ कमियाँ लगीं जैसे कि इंजन परफॉर्मेंस, अवनति वाली टेक्नोलॉजी
लेकिन अब, जब Su-57 को नए इंजन और Zircon जैसी हाइपरसोनिक मिसाइल से अपग्रेड किया गया है, तो भारत के लिए फिर से यह एक आकर्षक प्रस्ताव बन सकता है।
आर्थिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से क्या है विकल्प?
➡️ Su-57 के साथ भारत को:
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Next-gen एयरसुपीरियोरिटी
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Stealth + Hypersonic मिसाइल का कॉम्बो
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Defence Export Collaboration का मौका मिल सकता है
➡️ चुनौतियां:
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अमेरिका और फ्रांस से बढ़ते रणनीतिक संबंध
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AMCA प्रोजेक्ट का प्रोत्साहन बाधित हो सकता है
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रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस पर पश्चिमी प्रतिबंध
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि Su-57 + Zircon कॉम्बिनेशन, इंडियन एयरफोर्स के लिए गेम-चेंजर हो सकता है — लेकिन भारत को यह निर्णय भविष्य की जरूरतों और कूटनीतिक संतुलन को देखकर लेना होगा।
निष्कर्ष: क्या Su-57 भारत की अगली बड़ी डील होगी?
रूस का Su-57 फाइटर जेट अब एक फुल-स्पेक्टर हथियार प्लेटफॉर्म बन चुका है। Zircon जैसी मिसाइल इसे और भी घातक बना देती है।
भारत के पास अब दो रास्ते हैं:
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या तो AMCA प्रोजेक्ट पर ही भरोसा बनाए रखें
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या रूस से Su-57 जैसी टेक्नोलॉजी को अपनाकर ग्लोबल एयर पावर बैलेंस में खुद को और मजबूत बनाएं
आगामी महीनों में सरकार और वायुसेना की सोच इस दिशा में क्या होती है — यह देखना रोचक होगा।
“Su-57 से Zircon का परीक्षण: रूस की ‘अल्टीमेट एयर पावर’, क्या भारत खरीदेगा ये फाइटर जेट?”
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