कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के लिए रविवार को टेक्सास के डलास पहुंचे। डलास में उन्होंने 9 सितंबर (भारतीय समयानुसार) को दो कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जहां उन्होंने एक यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुलाकात की, उनसे कई मुद्दों पर बातचीत हुई। उसी बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने भारत में बढ़ती बेरोजगारी, चीन की उत्पादन शक्ति और नफरत भरी राजनीति पर विस्तार से बात की।
‘मुझे नजरअंदाज किया गया इसलिए भारत जोड़ो यात्रा निकाली’
राहुल गांधी ने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के स्टूडेंट से भारत की राजनीति, इकोनॉमी, भारत जोड़ो यात्रा समेत कई मुद्दों पर बातें की। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल ने कहा कि भारत में उनके लिए सभी संचार (लोगों से संवाद) के रास्ते बंद हो चुके थे। संसद में दिए गए भाषण को टीवी पर नहीं दिखाया जाता था, मीडिया उनकी बातों को नजरंदाज करता था, कानूनी रूप से भी मदद नहीं मिल रही थी। ऐसे में हमने और हमारी टीम ने महसूस किया कि अगर हम मीडिया और संस्थाओं के जरिए लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो सीधे लोगों के पास जाना सबसे अच्छा तरीका होगा। इसीलिए उन्होंने पूरे देश में 4,000 किलोमीटर की यात्रा करने का निर्णय लिया।
भारत जोड़ो यात्रा के जरिए मोहब्बत और भाईचारे की राजनीति शुरुआत
राहुल गांधी ने दो टूक बोला कि देश में नफरत की राजनीति का माहौल है, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के जरिए मोहब्बत और भाईचारे की राजनीति शुरू की गई है। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि देश को देखने का उनका नजरिया पूरी तरह बदल चुका है। राहुल गांधी ने आगे बताया कि शुरुआत में मुझे घुटनों में दिक्कत हुई। मैंने सोचा यात्रा करने का मैंने यह कैसा फैसला ले लिया, लेकिन कुछ दिनों बाद यह आसान लगने लगा। इस यात्रा ने मेरे राजनीति करने का तरीका बदला। लोगों से बातचीत करने और लोगों को समझने का तरीका बदला। पॉलिटिक्स में मोहब्बत नहीं होती थी। हमने यात्रा करके दिखाया कि पॉलिटिक्स में प्यार और मोहब्बत की बातें हो सकती हैं।
रोजगार के मसले पर राहुल गांधी ने की चीन की तारीफ
टेक्सास में अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने रोजगार के मसले पर चीन की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत और पश्चिमी देशों में रोजगार की समस्या है लेकिन चीन में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा- भारत में रोजगार की समस्या है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमने प्रोडक्शन पर ध्यान नहीं दिया। भारत में सब कुछ मेड इन चाइना है। चीन ने प्रोडक्शन पर ध्यान दिया है। इसलिए चीन में रोजगार की दिक्कतें नहीं हैं। राहुल ने कहा कि भारत को उत्पादन और इसे व्यवस्थित करने के बारे में सोचना होगा। हमें लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन कैसे किया जाए, इसकी फिर से कल्पना करनी होगी। जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, हमें उच्च स्तर की बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा और स्पष्ट रूप से, यह टिकाऊ नहीं है।
Author: Mukul Dwivedi
I graduated From the University of Allahabad and PG diploma in Mass communication From Government Polytechnic Lucknow. After study worked with Bharat samachar as Trainee Producer. Currently I am working With Ekal Bharat as a Producer.












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