UN में ट्रंप की तारीफ और ऑपरेशन सिंदूर का रोना रोया : पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ का UN मै भाषण
UNGA 2025 News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के मंच से ऐसा भाषण दिया जिसने सबका ध्यान खींच लिया। एक ओर उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफों के पुल बांधे, तो दूसरी ओर भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के जख्मों का दर्द भी सुनाया। शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान ट्रंप को शांति का दूत मानता है और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करना पाकिस्तान की ओर से “एक छोटा सा अभिवादन” है। वहीं, भारत पर हमला बोलते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की पीढ़ियों को जख्म दिए हैं।
क्या हुआ?
25 सितंबर 2025 को न्यूयॉर्क में UNGA का वार्षिक सत्र चल रहा था। इसी दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपना संबोधन दिया।
भाषण की मुख्य बातें थीं:
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ट्रंप की शांति नीतियों और व्यक्तित्व की तारीफ।
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भारत के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र।
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कश्मीर मुद्दे को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना।
शहबाज शरीफ ने कहा:
“डोनाल्ड ट्रंप एक शांतिप्रिय इंसान हैं। पाकिस्तान की ओर से उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करना हमारी तरफ से आभार प्रकट करने का एक छोटा सा प्रयास है।”
क्यों उठाया ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा?
भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर करारा प्रहार किया था। यह ऑपरेशन इतना सटीक और प्रभावी था कि कई आतंकवादी संगठनों की रीढ़ टूट गई।
शहबाज शरीफ ने इस ऑपरेशन को पाकिस्तान के लिए “एक बड़े घाव” के रूप में पेश किया और भावुक लहजे में कहा:
“हमारे कंधों पर अपने परिवार और मासूम नागरिकों के ताबूत उठाने की मजबूरी भारत ने दी है। ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को भीतर तक घायल किया है।”
कब और कैसे हुआ ये भाषण?
यह भाषण संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 79वें सत्र के दौरान हुआ।
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तारीख: 25 सितंबर 2025
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स्थान: न्यूयॉर्क, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय
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खास बातें: इस भाषण में पाकिस्तान ने फिर वही पुरानी लाइन दोहराई – “कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन” और “भारत की आक्रामक नीति।”
हालांकि इस बार फर्क यह था कि शहबाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाने के लिए ट्रंप को “शांति का प्रतीक” बताकर अपने रिश्ते मजबूत करने का संकेत दिया।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने तुरंत पाकिस्तान के आरोपों को “झूठ और प्रचार” करार दिया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा:
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ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ था, पाकिस्तान के नागरिकों के खिलाफ नहीं।
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पाकिस्तान बार-बार झूठ फैलाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग करता है।
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कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा।
कूटनीतिक मायने
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ट्रंप का नाम लेना: शहबाज शरीफ की रणनीति साफ है। पाकिस्तान अमेरिका के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है, और ट्रंप की वापसी की संभावना को देखते हुए वह उन्हें खुश करने में जुटा है।
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भारत को घेरने की कोशिश: UNGA में बार-बार कश्मीर और ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति बटोरना चाहता है।
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घरेलू राजनीति: पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बेहद खराब हैं। महंगाई, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के बीच शहबाज शरीफ को ऐसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की जरूरत है।
कब तक चलेगा ये सिलसिला?
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह रणनीति नई नहीं है। हर बार UNGA में वही बातें दोहराई जाती हैं—कश्मीर, भारत पर आरोप और अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति की मांग। लेकिन भारत की ओर से हर बार मजबूत जवाब दिया जाता है, जिससे पाकिस्तान की कोशिशें नाकाम होती हैं।
निष्कर्ष
शहबाज शरीफ का यह भाषण ज्यादा तर भावनात्मक था, जिसमें उन्होंने भारत पर आरोप लगाने और ट्रंप की तारीफ करने दोनों को संतुलित करने की कोशिश की। लेकिन सवाल यह है कि क्या दुनिया पाकिस्तान की बातों पर ध्यान देगी, या फिर इसे केवल एक और “UNGA ड्रामा” मानकर अनसुना कर देगी?
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