Vice President Election 2025: जीतने वाला साउथ से और हारने वाला भी, उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन VS सुदर्शन रेड्डी
Vice President Election 2025:
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प और साउथ इंडिया केंद्रित हो गया है। सत्ता पक्ष ने सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है, जबकि विपक्ष की ओर से सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी बनाया गया है। खास बात यह है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं। ऐसे में चुनाव परिणाम चाहे जो हो, देश का अगला उपराष्ट्रपति साउथ से ही होगा।

⚡ मुकाबले की शुरुआत
एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाए जाने का ऐलान होते ही चुनावी तस्वीर साफ हो गई। इसके जवाब में विपक्षी गठबंधन (INDIA Bloc) ने आंध्र प्रदेश के पूर्व न्यायमूर्ति और कद्दावर नेता सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा।
यह पहला मौका है जब उपराष्ट्रपति पद की लड़ाई पूरी तरह से दक्षिण भारत तक सिमट गई है।
📌 क्यों अहम है यह चुनाव?
भारत के उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा के सभापति होते हैं, बल्कि वे संवैधानिक रूप से दूसरे सबसे बड़े पद पर भी आसीन रहते हैं।
इस चुनाव के नतीजे से यह तय होगा कि संसद के उच्च सदन में सरकार को कितनी आसानी या मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।
🗳️ दोनों उम्मीदवारों की ताकत
सीपी राधाकृष्णन (NDA उम्मीदवार):
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तमिलनाडु से आते हैं और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की करीबी छवि रखते हैं।
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संगठन और रणनीति दोनों में पकड़।
सुदर्शन रेड्डी (Opposition उम्मीदवार):
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आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति।
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साफ-सुथरी और निष्पक्ष छवि।
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विपक्ष के लिए “कंसेंसस कैंडिडेट” यानी साझा नाम।
🔍 समीकरण क्या कहते हैं?
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एनडीए का पलड़ा भारी: लोकसभा और राज्यसभा में एनडीए की संख्या को देखते हुए सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
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विपक्ष की रणनीति: विपक्ष जानता है कि उसके पास पर्याप्त वोट नहीं हैं, लेकिन इस चुनाव को वह सांकेतिक लड़ाई के तौर पर देख रहा है।
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साउथ इंडिया फैक्टर: इस चुनाव से बीजेपी को साउथ में अपनी पैठ मजबूत करने का मौका मिलेगा, वहीं विपक्ष को यह कहने का कि उसने भी साउथ से मजबूत चेहरा पेश किया।
📰 राजनीतिक संदेश
यह चुनाव केवल उपराष्ट्रपति पद तक सीमित नहीं है, बल्कि 2029 की राजनीति का भी संकेत है।
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बीजेपी इस चुनाव से दक्षिण भारत में बड़ा संदेश देना चाहती है कि उसकी जड़ें यहां गहरी हो रही हैं।
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विपक्ष दिखाना चाहता है कि साउथ इंडिया पूरी तरह से बीजेपी के कब्जे में नहीं है।
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2025 का उपराष्ट्रपति चुनाव भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। सबसे खास बात — मुकाबला जितने वाला हो या हारने वाला… दोनो ही दावेदार दक्षिण भारत से! NDA की तरफ से सीपी राधाकृष्णन मैदान में हैं, जबकि विपक्ष ने मुकाबले को टक्कर देने के लिए सुदर्शन रेड्डी को खड़ा किया है। आइए समझते हैं, क्यों है ये चुनाव इतना खास और कौन-कौन से ट्रेंड और रणनीतियां सामने आ रही हैं?
साउथ बनाम साउथ: राजनीति का नया ‘हॉटस्पॉट’
भारतीय राजनीति में हाल के वर्षों में देखा गया है कि दक्षिण भारत (South India) की राजनीतिक ताकत और महत्व तेजी से बढ़ रहा है। इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में भी वही दिख रहा है।
सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं, वहीं सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना की राजनीति का चर्चित चेहरा हैं। दोनों मजबूत जनाधार, बेदाग छवि और लंबे समय से सार्वजनिक जीवन के अनुभवी नेता माने जाते हैं।
📊 नतीजे की भविष्यवाणी
संसद की मौजूदा स्थिति को देखें तो सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है।
हालांकि, विपक्ष के सुदर्शन रेड्डी भी इस चुनाव में सम्मानजनक संख्या तक पहुंच सकते हैं और राजनीतिक बहस को जीवंत बनाए रखेंगे।
2025 का उपराष्ट्रपति चुनाव भले ही औपचारिक रूप से सत्ता और विपक्ष के बीच की जंग हो, लेकिन इसका बड़ा संदेश दक्षिण भारत की बढ़ती राजनीतिक अहमियत है।
जीतने वाला भी साउथ से होगा और हारने वाला भी — यह तस्वीर आने वाले वक्त की राजनीति की दिशा और दशा दोनों तय करेगी।
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